शाहगंज / जौनपुर
13 मई को निकाय चुनाव के काउंटिंग के दौरान पुलिस प्रशासन का छीपा चेहरा आया सामने
चुनावी नतीजा आने के बाद सपा समर्थकों व आम जनमानस को जहां एक ओर घसीटा तो वहीं दूसरी ओर जमकर बरसाई लाठियां जिसमे आम जनमानस के न्याय लिए लड़ने वाले वकील और पत्रकार भी हुए शिकार पुलिस ने लोगो को अंधों और बहरो की तरह पीटा
इसे प्रशासन की गुण्डागर्दी कहे या राजनीतिक पार्टी का दबाव यह आम जन मानस के सोचने का विषय बन गया है जब वकील और पत्रकार ही सुरक्षित नहीं तो आम जनमानस कितना सुरक्षित है यह सोचने का विषय है
सूत्रों के हवाले से खबर है कि शाहगंज निकाय चुनाव के काउंटिंग के दौरान सपा ने जब अपना जीत का झंडा लहरा तो उसी बीच कुछ सपा समर्थकों ने पार्टी के जीते हुए प्रत्याशी के साथ जुलूस निकालते हुए जश्न मानते नजर आए तो कुछ कार्यकर्ता लोग अपने-अपने घर जा रहे थे । सपा की हुए जीत के खुशी का पल शायद वर्तमान सरकार कार्यकर्ताओं को अच्छा नहीं लगा या तो कहा जाए कि इस सरकार के सिपाहियों को अच्छा नहीं लगा या फिर किसी के दबाव के कारण ,जीत के खुशी का पल को कुछ समय देखते-देखते पुलिस प्रशासन ने सपा के कार्यकर्ताओं पर या कहा जाए कि आम जनता पर भी लाठीचार्ज कर दिए लाठीचार्ज के दौरान कुछ वकीलों को दौड़ा-दौड़ा कर के पुलिस मारा तो वहीं इस वाक्या को कवरेज कर रहे पत्रकारों के ऊपर पुलिस प्रशासन ने लाठी और डंडे बरसाए और आम जनमानस के जैसे पत्रकार को घसीटते हुए हैं थाने तक ले गए ।पत्रकार को ले जाकर के थाने में बंद कर दिए जब कि पत्रकार ने अपना परिचय पत्र दिखाया फिर भी पुलिस प्रशासन ने नहीं छोड़ा परिचय पत्र और मोबाइल छीन कर ले जाकर के थाने में बंद कर दिया तथा पत्रकार को उल्टी-सीधी गालियां मां बहन की भद्दी गालियां देते हुए मोबाइल में कवरेज की हुई सभी विडियो को डिलीट कर दिया । ताकि उनके दो मुंहे चेहरे को कोई देख ना सके ।पत्रकार के द्वारा वीडियो डिलीट करने से मना करने पर शाहगंज कोतवाल ने बोला कि पत्रकार को धमकाते हुए कहा कि ऐसा कर देंगे कि जिंदगी भर जेल में चक्की पीसते रह जाओगे । पुलिस के इस रवैए से शाहगंज कि जनता जहां एक ओर नाराज हैं तो वहीं डरी हुई है क्योंकि मैजूदा सरकार में जब वकील और पत्रकार ही सुरक्षित नहीं तो आम जनमानस के लिए यह चिन्ता का विषय बना हुआ है ।