चातुर्मास महानुष्ठान का समापन वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन पूजन के साथ हुआ सम्पन्न

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गाजीपुर। प्रसिद्धपीठ हथियाराम मठ के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति जी महाराज द्वारा किए जा रहे चातुर्मास महानुष्ठान का समापन 18 सितंबर बुधवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन पूजन के साथ सम्पन्न हुआ।आपको बताते चले, कि अध्यात्म जगत में एक तीर्थ स्थल के रूप में विख्यात करीब 900 वर्ष प्राचीन सिद्धपीठ हथियाराम मठ के 26वें पीठाधीश्वर स्वामी भवानी नन्दन यति महाराज ने गुरुजनों का अनुसरण करते हुए चातुर्मास अनुष्ठान का संकल्प लिया था। इसी क्रम में उन्होंने देश के 12 ज्योतिर्लिंगों सहित नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में अपना चातुर्मास महानुष्ठान संपादित करते हुए कुछ वर्षों से सिद्धपीठ हथियाराम मठ से ही चातुर्मास अनुष्ठान संपादित कर रहे हैं। इस कड़ी में चातुर्मास महानुष्ठान की पूर्णाहुति पर प्रमुख यजमान शिवानन्द सिंह (झुन्ना)और महामंडलेश्वर के साथ ही अन्य गणमान्यजनों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन पूजन किया। और बताया, कि भारत अधिकार प्रधान नहीं कर्तव्य प्रधान देश रहा है। कर्तव्यों का बोध हो, तो अधिकार की चिंता करने की जरूरत नहीं। कर्तव्य बोध पर आधारित समाज खड़ा करना होगा। महिलाओं की महत्ता बताते हुए कहा, कि जब कोई पुरुष दुविधा में पड़ता है तो महिला ही उसे दुविधा से निकालने का काम करती है। देश को महान बनाना है, तो महिलाओं को आगे आना होगा। पीठाधीश्वर स्वामी भवानी नन्दन यति ने आशीर्वचन देते हुए चातुर्मास अनुष्ठान की महत्ता और सनातन संस्कृति को दृष्टिगत रखते हुए धर्म संस्कृति से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, कि सभी धर्मों से बढ़कर मानवता का धर्म है, जिसका पालन करें। शरीर में आत्मा तो मंदिर में परमात्मा के रूप में जाने जाते हैं। संत कभी मरता नहीं है, संत तो ब्रह्मलीन होते हैं। जरूरत पड़ने पर मैं शास्त्र के साथ-साथ शस्त्र लेकर सीमा पर जाने को भी तैयार हूं। यह सिद्धपीठ सिद्ध संतों की तपस्थली है, जहां मां के दरबार में सच्चे मन से सिर झुकाने के बाद किसी को दुनिया में किसी और के सामने सिर झुकाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। समारोह में मंचासीन अतिथियों, पत्र प्रतिनिधियों एवं अन्य विशिष्टजनों को अंगवस्त्रम आदि देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आचार्य शंभूनाथ पाठक, मंगला सिंह, सोमनाथ सिंह, देवरहा बाबा बिरनो, रजनीश राय, स्वामी सत्यानंद यति, आचार्य पंडित मनीष कुमार पांडेय, वरुणदेव सिह, प्रवेश पटेल, डॉ. रत्नाकर त्रिपाठी, संतोष यादव, अमिता दूबे, डॉ संतोष मिश्रा, डॉ सर्वानंद सिंह, मंजू सिंह, सविता सिंह, सुरेन्द्र सिंह, रमेश सिंह पप्पू, अरविंद कुमार सहित तमाम शिक्षाविद, संत और गणमान्यजन उपस्थित रहे। अंत में पुण्य लाभ की कामना संग लोगों ने भंडारा से महाप्रसाद ग्रहण किया।

जय प्रकाश चंद्रा, ब्यूरो चीफ गाजीपुर

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