जौनपुर- भीषण गर्मी और तेज धूप के चलते पर इस समय बसुही नदी में अलापुर गांव से पश्चिम की ओर के गांवों की ओर जाने पर देखने को मिला कि पानी नहीं है और सूखी नदी में दरारें पड़ गए हैं। नदी किनारे बसे अलापुर,बामी, भटेवरा,कठार, ऊंचडीह, देवकी पुर, अमोध,सजई कला,उचौरा आदि गांवों के आस-पास के नदी किनारे रहने वाले नीलगाय,सियार, खरगोश, लोमड़ी, ऊदबिलाव जैसे जंगली जानवर दिन भर प्यास से व्याकुल होकर दर-बदर भटकते रहे हैं और शाम को प्यास बुझाने के लिए आबादी वाले भागों की ओर रुख करते हैं। नदी किनारे चरने हेतु जाने वाले गाय, भैंस, भेड़ बकरियां भी चरने के लिए जाने पर जब प्यास से व्याकुल होती हैं तो चरवाहे इन्हें जल्द ही घर लेकर वापस आ जाते हैं जिस कारण इनका पेट भी ठीक से नहीं भर पा रहा है। नदी में पानी होने पर इन पालतू जानवरों को पानी पीने के काम आने के साथ-साथ पशुओं को नहलाने के भी काम आता है।
बसुही नदी एक बरसाती नदी है जिसमें अप्रैल मई महीने में अक्सर पानी नहीं रह जाता है लेकिन इस नदी में आकर मिलने वाली नहर की शाखाओं से पानी छोड़ने पर पानी की हल्की धार नदी में बह पड़ती थी। जिससे नदी किनारे पशु पक्षियों को प्यास बुझाने में मदद मिलती थी किन्तु इस वर्ष पानी न आने से इनकी प्यास नहीं बुझ पा रही है।