ब्यूरो रिपोर्ट
जौनपुर – खुटहन ब्लाक के खालसा पट्टी गांव में बना शौचालय आज तक उपयोग में नहीं लाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि यह शौचालय केवल फोटो खिंचवाने के लिए खोला जाता है, जबकि रोजमर्रा के उपयोग के लिए कभी उपलब्ध नहीं कराया गया। बरसात के मौसम में महिलाओं को शौच के लिए भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
शिकायतों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही उजागर हुई। जब प्रधान से फोन पर सवाल किया गया तो उन्होंने आवश्यक कार्य हेतु बनारस में होने का बहाना बना लिया। वहीं सचिव के सार्वजनिक नंबर पर किसी अन्य व्यक्ति ने कॉल रिसीव कर खुद को अधिकृत बताते हुए जवाब देने की कोशिश की, और सवालों पर घिरने के बाद फोन काट दिया।
यह मामला सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत को दर्शाता है। करोड़ों रुपये खर्च कर बनाई गई सुविधाएं यदि लोगों तक नहीं पहुंच पातीं तो योजनाएं कागजों और तस्वीरों तक ही सीमित रह जाती हैं। खालसा पट्टी का यह उदाहरण स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं की सफलता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।