दुनिया चलाने वाला आखिर क्या है संसारिक नियमों को चलाने का अध्यात्म

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क्या आप जानते है जिस परमेश्वर ने पृथ्वी और उसकी सब वस्तुओं को बनाया, वह स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी होकर हाथ के बनाए हुए मन्दिरों में नहीं रहता। न किसी वस्तु की आवश्यकता के कारण मनुष्यों के हाथों की सेवा लेता है, क्योंकि वह तो आप ही सब को जीवन और श्वास और सब कुछ देता है। उसने एक ही मूल से मनुष्यों की सब जातियाँ सारी पृथ्वी पर रहने के लिये बनाई हैं; और उनके ठहराए हुए समय और निवास के सीमाओं को इसलिए बाँधा है, कि वे परमेश्वर को ढूँढ़े, और शायद वे उसके पास पहुँच सके, और वास्तव में, वह हम में से किसी से दूर नहीं हैं।
क्योंकि हम उसी में जीवित रहते, और चलते फिरते, और स्थिर रहते हैं; जैसे तुम्हारे कितने कवियों ने भी कहा है, ‘हम तो उसी के वंश भी हैं।’ मनुष्य जाति को अपने बुद्धि, विवेक, तर्क, विचार, सोच, मनन के द्वारा सत्य -असत्य, का पहचान तो करना चाहिए मनुष्य जाति धर्म मजहब कौम, मंदिर मस्जिद, काबा गुरुद्वारा, चर्च के नाम पर सरेयाम अनर्गल कार्य कर रहा है यहाँ तक की वह खुद अपने मनुष्य जाति को कलंकित कर रहा अपने ही आंख से अपने माँ बाप भाई बहन बेटा बेटी बिबी पति रिस्ते नातो का गला घोट कर मार दे रहा है क्या यही धर्म और जाति मजहब हैं ,याद रखे आप की पहचान ही आप को महान इंसान या सैतान बनाएगी सुविचारक —–धर्मेन्द्र कुमार केमास न्यूज ब्यूरो चीफ मऊ

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