अश्लील गीतों से कोटेदारों का मानसिक उत्पीड़न, प्रशासन का अंकुश क्यों नहीं?

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नए नए कलाकार और आज बढ़ती डिजीटल दुनिया में प्रसिद्धि का सबसे मजबूत श्रोत शोशल मीडिया है। अपने को फेमस करने के चक्कर में आए दिन सोशल मीडिया पर नए नए अश्लील गीतों और नए नए लुक लोग अख्तियार कर रहे हैं। फेमस होने के लिए अश्लील गीतों को गाना और व्यक्तिगत जीवन को अश्लीलता में धकेल देना वो अपनी व्यक्तिगत स्वतन्त्रता का अधिकार है, किंतु आपकी व्यक्तिगत स्वतन्त्रता का गलत प्रभाव समाज में ना जाए इसके लिए समाज का उसके प्रति प्रतिरोध और नियम कानून भी हैं जो इसे रोकते हैं। हाल ही में एक ऐसा गीत शोसल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसे सुनने के बाद एक कोटेदार अपना आपा खो सकता है जी हां शोशल मीडिया पर वायरल होता गीत कोटेदारों का मानसिक उत्पीड़न कर रहा है। यदि कोटेदारों की बात करें तो कोरोना महामारी जैसी गंभीर स्थितियों में भी कोटेदार एक प्रहरी के रूप में राशन वितरण में सरकार के साथ खड़ा रहा। बावजूद इसके कोटदार अश्लील गीतों का शिकार हो रहा है और प्रशासन का इन जैसे गायकों पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। बताते चलें की वायरल होता अश्लील गीत यूनिक फिल्म (UNIK FILM) नाम के चैनल पर चलाया जा रहा है और चैनल पर गायिका कविता यादव, खुशबू राज गायक सुमित यादव और इस चैनल के डिजीटल पार्टनर मोहन गिरी को दिखाया गया है। बताते चलें इस गीत से कोटेदारों में काफी आक्रोश व्याप्त है।

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