मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़े धूमधाम से मनाया जश्न ए ईद मिलादुन्नबी का उत्सव

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कादीपुर सुलतानपुर

आज दिनांक 16/09/2024 को सुल्तानपुर जिले के अंतर्गत ताजखानपुर,बहादुरपुर,अफलेपुर क्षेत्र में जश्न ऐ ईद मिलादुन्नवी जुलूस निकाले गए। जिसमे मुस्लिम भाइयों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया।मुस्लिम समुदाय में पैगंबर के रूप में जन्म लेने वाले पहले और आखिरी नबी के रूप में पहचान रखने वाले हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो वाले वसल्लम की योमें पैदाइश का दिन आज ही का है,28 सफर हिजरी सन 11 को 63 वर्ष की उम्र में आपने वफात पाई थी,रवीउल अब्बल महीने की 12वीं तारीख को लोग जश्न मनाते है, लेकिन अगर आज के दिन की बात कही जाए तो आज ही के दिन आपका सुबह 4 बजकर 45 मिनट पर जन्म हुआ और आज ही के दिन मगरिब के समय पैगंबर साहब के द्वारा दुनिया को अलविदा कह दिया मुस्लिम समुदाय को बुराई से दूर रखने के लिए उनके द्वारा लोगों को अच्छाई के पैगाम दिए जाते थे बुराई के खात्मे के लिए उनके द्वारा बखूबी उस दौर में उन लोगों से आग्रह किया जाता कुछ लोगों के द्वारा उन्हें बुरा भला भी कहा जाता था तो कुछ के द्वारा उनके साथ बदसलूकी भी की जाती लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्यों को लेकर लोग उन्हें अपना बनाते चले गए फिर कारवां बढ़ता चला गया मक्का मदीना के रेगिस्तान के इलाके में भूख प्यास की शिद्दत में लगातार इस्लाम को बढ़ावा देने के लिए और इस्लाम के पैगाम को आगे ले जाने के लिए आपके द्वारा कई कई दिन तक फांका भी रखा यानी की कुछ बिना खाए पिए ही शांति और इस्लाम का संदेश आगे तक ले जाया गया। पैगम्बर साहब के जन्मदिवस को लेकर बहुत सी रिवायत में है जब आपका जन्म हुआ तब तमाम मख़लूफात के द्वारा जश्न मनाया गया,पहाड़ियों के बीच बने सऊदी अरब में हजरत मोहम्मद साहब का जन्म हुआ उनके वालिद साहब का नाम अबदुल्ला बिन अब्दुल मुतलिब था और वालेदा का नाम आमीना था। आजके दिन लोग दुनिया का सबसे बड़ा जश्न मनाते हुए,ईदों की ईद के नाम से आज के दिन को पुकारते है, आज ही के दिन संसार का सबसे बड़ा जश्न माना जाता है। पैगंबर साहब को पहले और आखिरी नबी का खिताब हासिल है।हजरत मोहम्मद साहब के जन्म के दो महीने बाद ही उनके वालिद का इंतकाल हो गया,नबी का -पालन पोषण उनके चाचा अबू तालिब ने किया,पैगंबर मोहम्मद साहब बचपन से ही अल्लाह की इबादत में लगे रहते थे। वे कई-कई दिनों तक तेज धूप में मक्का की पहाड़ी पर घूमते रहते जिसमे सबसे खास पहाड़ी अबलुन नूर उसे कहते हैं, उस पर आप इबादत किया करते थे। चालीस वर्ष की उम्र में उन्हें अल्लाह से जियारत हुई आप मोमिनों को अच्छाई की ओर ले जाओ ये पैगाम उनके द्वारा आखिरी वक्त तक जनता के बीच पहुँचाया।उस समय अरब के लोगों के हालात बहुत खराब थे। लोगों में शराबखोरी, जुआखोरी, लूटमार, वेश्यावृत्ति और पिछड़ापन भयंकर रूप से फैला हुआ था। कई लोग नास्तिक थे। पैगम्बर साहब के द्वारा बताया गया ये दुनिया सूर्य, चांद, सितारे सब खुदा ने पैदा किए हैं। उसे हमेशा याद करो, यही कारण है लोग अच्छाई की ओर आए और इस्लाम को मुकम्मल मानते हुए इस्लाम की अच्छाइयों को माना इसके बाद दुनिया भर में इस्लाम फैलता चला गया।मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की योमे पैदाइश का दिन धूमधाम तरीके से मनाया है इस दौरान लोगों के द्वारा पैगंबर साहब की अच्छाइयों को एक दूसरे तक पहुंचाने का जिक्र किया है साथ ही लोगों के द्वारा यह माना है बुराई पर जीत हासिल करने के लिए,दीन का खुद के पास होना बहुत जरूरी है हुजूर पाक के द्वारा जो रास्ते बताए गए हैं वह कठिन तो है लेकिन नामुमकिन नहीं है इन रास्तों में बुराइयां दर-दर पर मिलेगी लेकिन अच्छाई के रास्ते को कायम करते हुए लोगों को आगे बढ़ना है आज ही के दिन
लोगों के द्वारा ईद से भी बढ़कर बड़ा त्योहार ईद उल मिलादुन्नबी बनाया जाता है,ताजखानपुर में इस जश्न को लेकर लोगों में गजब का माहौल नजर आ रहा है, छोटे-छोटे बच्चे हाथों में नबी का पैगाम लेकर लोगों के बीच पहुंच रहे हैं और लोगों को अच्छाई का संदेश देते नजर आ रहे हैं।इस दिन को लोग बड़ी धूमधाम के साथ मना रहे हैं लोगों में गजब का उत्साह नजर आ रहा है लोगों के द्वारा बढ़-चढ़कर जुलूस में हिस्सा लेते हुए ईद उल मिलादुन्नबी का त्यौहार मनाते हुए फक्र महसूस किया जा रहा है आज ही का दिन इस्लाम को आगे ले जाने वाले पैगंबर का दिन है।

के मास न्यूज कादीपुर

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