जौनपुर-थाना सराय ख्वाजा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम खजुरा पोस्ट गुलालपुर तहसील शाहगंज जिला जौनपुर में जमीनी विवाद का खेल सर पानी चढ़ गया। विवाद का खेल दिन पे दिन बढ़ता जा रहा है जिसमे कभी भी अप्रिय घटना होने की संभावना बनी है अगर शासन-प्रशासन इस पर सक्रिय होकर न्याय की तरफ ना पहुंचे तो कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है । आपको बताते चलें की सूचनाओं के अनुसार ग्राम खजुरा की निवासिनी पीड़िता रीता पत्नी प्रेमचंद के द्वारा उसके सहन दरवाजे पर थोड़ी सी ग्राम समाज जमीन को लेकर मामला गरमाता चला जा रहा है। जिस में पता चलता है कि रीता पत्नी प्रेमचंद के सहन दरवाजे पर जमीन पर मौखिक हक रख रहे दूसरा पक्ष जियालाल और झिनकू दो सगे भाई हैं जिनका उस जमीन के रहन-सहन में कोई संबंध नहीं है प्रथम पक्ष पीड़िता रीता का कहना है कि लगभग 10 वर्ष पूर्व जियालाल के द्वारा जिया लाल की पत्नी की बीमारी में पीड़िता के द्वारा ₹25000 इलाज हेतु ले लिया गया। जिसके बदले में रीता के सहन दरवाजे की जमीन को देने की बात हुई लेकिन मजे की बात यह हुई कि इस बात को सिर्फ दो लोगों के बीच में ही गुप्त रखी गई कि किसी को पता ना चले विश्वास के लिए पीड़िता रीता को उस जमीन पर रहने के लिए दे दिया गया लगभग 10 साल से रीता उस जमीन पर साधारण से अपना कामकाज करती रही। लेकिन जब समय आने पर पीड़िता उस पर निर्माण करने लगी तो विवाद की कहानी शुरू हो गई। जब ₹25000 का खुलवाड़ा हुआ तो जियालाल ने पैसे लेने की बात से इनकार कर दिया उन्होंने कहा कि उसने कोई पैसा लिया नहीं है जबकि यह सूचना पूरे गांव में फैल गई मनसा का लिया हुआ पैसा का कोई सबूत नहीं था जिसके कारण विवाद की गुत्थी उलझ गई उधर जियालाल के दूसरे भाई झिनकू के बड़े बेटे राजेश व बड़ी बहू उषा को पता चला तो वह भी मौका देख हावी हो गए बाद में उषा पत्नी राजेश ने उस जमीन पर अपना हक जमा कर रीता से पैसों की मांग की लेकिन मामला उलझे की किसी तरीके प्रधान के समक्ष पंचनामा पर उषा पत्नी राजेश ने पूरे जमीन की जिम्मेदारी लेकर ₹110000 एक लाख 10 हजार रुपए मानवता से लेकर उसे स्टांप पर लिखित किया गया कि ताकी बाद में झगड़े का विवाद ना बने ।गवाही के रूप में प्रधान राम दवर, राजेंद्र, दिलीप कुमार, राम पलट, अभिषेक, अब तक मामला सुलझ चुका था लेकिन कुछ भूमाफिया दबंग किस्म के लोगों के द्वारा इस समझौते को झूठा करार देते हुए जमीन हथियाने को लेकर विवाद पैदा कर दिया गया। जब प्रथम पक्ष पीड़िता रीता के द्वारा निर्माण किया जा रहा था तो पड़ोसी अरविंद कुमार, अनिल कुमार पुत्रगण सुखराम, मुरली पुत्र हरिलाल, त्रिभुवन व बहादुर पुत्रगण जयराम ने गोलबंद होकर अरविंद कुमार के घर सीधे में जमीन हथियाने का विवाद पैदा हो गया उधर जियालाल के द्वारा ₹25000 लेने का इनकार में उनके परिवार के द्वारा जमीन कब्जा किया जा रहा हैं पीड़िता द्वारा 3 जनवरी को थाना प्रभारी महोदय को सारी घटना लिखित रूप से बताया गया लेकिन थाना प्रभारी ने आदेश दिया कि इसको पंचायत के माध्यम से सुलझा लिया जाए जब तक कि मामला सुलझ नहीं जाता तब तक कोई भी कुछ काम नहीं करेगा लेकिन यह भी बात लिखित कहां झगड़े की बात तब बढ़ जाती है जब लोग जबरदस्ती बात करते हैं कि लिखा कहां गया है या गुत्थी इतनी उलझ गई है कि कोई भी उसको सुलझाने वाला नहीं है प्रशासन की लापरवाही से इससे पहले कि कई अन्य जगहों पर भी जमीनी विवाद को लेकर हत्या के अंजाम तक पहुंच चुके हैं यदि शासन प्रशासन इस बात को संज्ञान में ना लें तो यहां भी अप्रिय घटना हो सकती हैं आश्चर्य की बात यह है कि यहां पर कोई फैसला करने को तैयार नहीं।पीड़िता रीता का कहना है कि अगर न्याय न मिला तो वह अपने दो बच्चो के साथ आत्महत्या कर लेगी जिसका जिम्मेदार भूमाफिया जो झगड़े को बढ़ावा दे रहे व शासन-प्रशासन का होगा।क्योंकि पीड़िता के पति प्रेमचंद जो रोजी रोटी के लिए परदेश गए हुए हैं उन्हें फोन पर उनको और उनकी पत्नी रीता उनके बच्चों को जान से मारने की धमकी मिल रही है जिसकी रिकॉर्डिंग उपलब्ध है थाना प्रभारी के फैसले पर काम को रोक दिया गया है।