राज्य सूचना आयोग ने उपजिलाधिकारी पर लगाया 25हजार रूपए का अर्थदंड

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शाहगंज (जौनपुर)उपजिलाधिकारी नीतीश कुमार सिंह और जन सूचना अधिकारी पर राज्य सूचना आयोग ने 25हजार रूपए का अर्थ दंड लगाया है उपजिलाधिकारी पर यह कार्यवाई शिकायत कर्ता को 30दिन की समयावधि की बजाय 19माहमे सूचना उपलब्ध कराने और आयोग द्वारा तलब होने की नोटिस के बावजूद पेश न होने पर की गई आयोग ने जिलाधिकारी को पत्र जारी कर जुर्माने की राशि वसूल कर राज्य के कोष में 3माह के अंदर जमा कराने के लिए कहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय कस्बा निवासी प्रशांत अग्रहरी के पिता शिवकुमार अग्रहरी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान चलाते थे पूर्ति विभाग ने किसी कारण से उस दुकान को वापस ले लिया। प्रशांत ने इसी सिलसिले में उपजिलाधिकारी से 20जनवरी 2020को सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी थी परंतु लेकिन उप जिलाधिकारी ने निर्धारित 30दिन की अवधि में सूचना उपलब्ध नहीं कराई प्रशांत ने 5मार्च 2020इस प्रकरण की शिकायत राज्य सूचना आयोग से की जिस पर उपजिलाधिकारी को नोटिस भेजा जवाब में सूचना आयोग को बताया गया कि शिकायत कर्ता को 13सितंबर 2021को सूचना उपलब्ध करा दी गई है 19माह में सूचना उपलब्ध कराने को आयोग ने जान दी बूझकर की गई देरी के रूप में लिया 14मार्च 2022को उप जिलाधिकारी को नोटिस जवाब के साथ प्रस्तुत होने को कहा लेकिन 5अप्रैल को सुनवाई में उपजिलाधिकारी की जगह उनका पक्ष लेकर पूर्ति लिपिक कुंवर अभय प्रताप सिंह आयोग में उपस्थिति हुए। पहले देरी से सूचना देने और फिर तलब करने पर भी उपस्थिति न होने के कारणराज्य सूचना आयुक्त अतुल कुमार उप्रेती ने गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी नीतीश कुमार सिंह को देरी से सूचना देने और मौका देने के बाद भी आयोग की नोटिस को नजरंदाज करने का आरोपी पाते हुए धारा 20(7) के तहत 25हजार का अर्थ दंड लगाया और 3माह के अंदर वसूली की नोटिस जिलाधिकारी को भेज दी है।
संवाददाता विनोद कुमार

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