आजमगढ़ जनपद के तहबरपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम चकिया दुबे रामपुर इन दिनों भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का गढ़ बन गया है। गांव के लोगों का आरोप है कि ग्राम प्रधान चंद्रभान और सचिव सुनील सिंह की मिलीभगत से विकास योजनाएं ठप पड़ी हैं और सरकारी धन का दुरुपयोग खुलेआम हो रहा है।
IGRS पर झूठी रिपोर्टिंग का आरोप
ग्रामीणों ने गांव की टूटी-फूटी सड़कों और बदहाल रास्तों की शिकायत IGRS पोर्टल पर दर्ज कराई थी, लेकिन जवाब में सचिव द्वारा यह रिपोर्ट भेजी गई कि “सड़कें पूरी तरह दुरुस्त हैं”। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि गांव की गलियों में कीचड़ और दलदल से ग्रामीणों का निकलना मुश्किल हो गया है।
ग्राम सचिवालय पर हमेशा ताला लटका मिलता है
जहां से योजनाओं की शुरुआत होती है वही ग्राम सचिवालय अधिकांश समय बंद रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि वहां न तो कोई कर्मचारी आता है, न कोई प्रशासनिक गतिविधि होती है।
पंचायत सहायक की तनख्वाह तक रोकी गई
पंचायत सहायक पूजा यादव ने बताया कि उनकी एक वर्ष की तनख्वाह सचिव द्वारा रोकी गई है। उन्होंने इसे मानसिक उत्पीड़न की संज्ञा दी है और उच्च अधिकारियों से न्याय की मांग की है।
ग्रामीणों का आरोप – “ग्राम सभा का पैसा किया गया गबन”
ग्रामीणों का स्पष्ट आरोप है कि प्रधान और सचिव ने ग्राम निधि का दुरुपयोग कर विकास कार्यों के नाम पर केवल फर्जी कागज़ी कार्रवाई की है। गांव में न सड़कों का निर्माण हुआ, न साफ-सफाई की व्यवस्था।
प्रशासन करेगा क्या कार्रवाई?
अब ग्रामीणों की निगाहें जिला प्रशासन पर टिकी हैं। सवाल यह है कि क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होगी या यह मामला भी कागज़ों में दबकर रह जाएगा?