लखनऊ :उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष व दीदारगंज आजमगढ़ से बसपा विधायक सुखदेव राजभर ने शनिवार को स्वास्थ्य ख़राब होने के कारण से राजनीति से सन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा मुखिया अखिलेश यादव के नाम लिखे भावुक पत्र में कहा कि मैं बीमार हूं, इसीलिए सक्रिय राजनीति से अलग हो रहा हूं। जाते-जाते उन्होंने बसपा को मिशन से भटकी हुई पार्टी बताया। अखिलेश यादव की तारीफ की और बेटे कमलाकांत राजभर को समाजवादी पार्टी में जाने के फैसले को सही बताया है।सुखदेव राजभर ने पत्र में कहा कि मैं प्रारंभ से ही बसपा का सक्रिय सदस्य रहा हूं। कांशीराम के साथ मिलकर शोषितों, वंचितों, दलितों व पिछड़ों के हक की लड़ाई लड़ी। बदलती हुई परिस्थतियों में यह महसूस कर रहा हूं कि इनकी आवाज को अन्यायपूर्ण व शोषणकारी सरकार द्वारा दबाया जा रहा है। इन परिस्थितियों में बहुजन मूवमेंट और सामाजिक न्याय कमजोर पड़ रहा है। पिछले दो वर्षों से मेरा स्वास्थ्य बेहद खराब है। इसके कारण इनकी और अपने समाज की लड़ाई में योगदान नहीं दे पा रहा हूं।राजनीतिक परिस्थितियां जिस प्रकार व्याप्त हैं हमारे समाज के मिशनरी और जिम्मेदार लोगों को स्वार्थी तत्वों के दबाव में बाहर निकाल जा रहा है या दरकिनार किया जा रहा है। इन्हीं स्वार्थी तत्वों द्वारा बहुजन मूवमेंट को दिशाहीन किया जा रहा है। ऐसे में बहुजन मूवमेंट और सामाजिक न्याय कमजोर पड़ रहा है। दो वर्षों से मेरा भी स्वास्थ्य ठीक न होने से समाज की लड़ाई में समुचित योगदान नहीं दे पा रहा हूं। अब मेरा बेटे कमलाकांत ने इन वर्गों के हक की लड़ाई लड़ने की अनुमति मांगी है
सुखदेव राजभर का राजनीतिक सफ़र
वर्ष 1991 में पहली बार विधानभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए
सत्रहवीं विधानसभा के लिए वर्ष 2017 में पांचवीं बार विधायक बने
1993-1995 में राज्य मंत्री सहकारिता, माध्यमिक, बेसिक शिक्षा
मई 2002 से अगस्त 2003 संसदीय कार्य मंत्री, वस्त्रोद्योग व रेशम
वर्ष 2007 से 2012 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे