पीएम मोदी के कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद भी किसान किसी भी तरह की नरमी का कोई संकेत नहीं दिखाते हुए सुबह किसान महापंचायत की. इस महापंचायत का आयोजन किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने संबंधी कानून के लिए दबाव बनाने के वास्ते किया था. महापंचायत सोमवार की सुबह लखनऊ में हुई. इस महापंचायत में भाग लेने के लिए भारी संख्या में किसान अलग-अलग जगहों से लखनऊ के इकोगार्डन पहुंचे.किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का कहना है कि संगठन अपना निर्धारित विरोध प्रदर्शन जारी रखेगा. जिसमें कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनों का एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में 29 नवंबर को संसद तक मार्च भी शामिल है.
किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि एमएसपी कानून बनेगा तभी आंदोलन खत्म होगा. उन्होंने कहा कि बाकी सभी मुद्दों पर हम कमेटी बनाएंगे. इस दौरान उन्होंने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम सबसे ज्यादा हैं.
टिकैत ने कही ये बड़ी बात “कानून वापस लिया लेकिन कटाक्ष के साथ”
महापंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा, “यहां झंडे अलग-अलग हैं, लेकिन सबके मुद्दे एक हैं. हमारी बोली अलग थी, लेकिन मांग एक ही थी. लेकिन दिल्ली की चमकीली कोठियों में बैठने वालों की भाषा अलग थी. क़ानून वापस लिया, लेकिन कटाक्ष के साथ.उन्होंने कहा कि जैसे कोई झगड़ा करने के बाद गाली देता हुआ भागता है. जैसे यह बोला कि हम कुछ लोगों को समझाने में नाकाम रहे. किसानों-मज़दूरों का भला सकारात्मक नीतियां बनने से होगा.”