आजमगढ़: जनपद के पवई थाना पुलिस द्वारा पशु तस्करों के हमले की घटना को छिपाने का मामला सामने आने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हेमराज मीणा ने कड़ा कदम उठाते हुए वरिष्ठ उपनिरीक्षक शिवसागर यादव और सिपाही प्रभात त्रिपाठी व प्रीतम कुमार को लाइन हाजिर कर दिया। इस कार्रवाई से पवई थाना क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।
सूत्रों के अनुसार, बीते 15 अगस्त की रात पवई थाना क्षेत्र के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के गोखवल अंडरपास के पास पिकअप वाहन में प्रतिबंधित पशुओं को लादकर अम्बेडकर नगर की ओर जा रहे तस्करों का पवई पुलिस के चार सिपाहियों ने दो बाइकों से पीछा किया। तस्करों ने भागने के दौरान थानाध्यक्ष के वाहन को देखकर पिकअप को बैक गियर में चलाया और पीछा कर रही पुलिस की दोनों बाइकों पर चढ़ाने की कोशिश की। इस घटना में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए, उनकी बाइकें क्षतिग्रस्त हो गईं और दो राइफलें भी क्षतिग्रस्त हुईं।
हैरानी की बात यह है कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद पवई थाना पुलिस ने इसे पांच दिनों तक छिपाए रखा। थानाध्यक्ष ने अधिकारियों को गुमराह करते हुए बताया कि गश्त के दौरान सिपाहियों की बाइकें आपस में भिड़ गईं, जिससे वे घायल हुए। इस दौरान पशु तस्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। जब इस घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची, तो एसएसपी हेमराज मीणा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ उपनिरीक्षक शिवसागर यादव और दो सिपाहियों को कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया। यह कार्रवाई क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है
सोनू कुमार क्राइम ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट