ग्रामीणों का आरोप, लेखपाल ने दिलाया अवैध कब्जा

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गाजीपुर। तहसील जखनियॉ अंतर्गत ग्राम यूसुफपुर में 1995 मे कुछ लोगों ने आबादी की जमीन को पट्टा कराया था। जिसको लेकर ग्राम यूसुफपुर के 11 लोगों को आराजी संख्या 928 में कब्जा दिलाया गया था। लोगो का आज भी कब्जा है। परंतु गांव वालों ने आरोप लगाया है, कि इसी बीच लेखपाल ने पैसा लेकर गांव के व्यक्ति को अवैध रुप से कब्जा कराया है। जिसको लेकर रामबच्चन राजभर, पुत्र तेजू राजभर, बालकरण राजभर, पुत्र मुंशी राजभर, रामजन्म राजभर , पुत्र जयकू राजभर , मानकी, पुत्र स्वरूप राजभर, रामनाथ पुत्र घुरभारी व लाल मुनी, पत्नी रामनाथ, केदार राजभर पुत्र झगटू राजभर, तेतर पुत्र लिवर राजभर , छांगूर राजभर, पुत्र गुल्ली राजभर , सत्यनारायण राजभर पुत्र शिवनाथ राजभर आदि ने तहसीलदार जखनियॉ को प्रार्थना पत्र दिया। जिसको लेकर तहसीलदार जखनियॉ ने लेखपाल को उचित कार्यवाही करने का आदेश दिया, लेकिन लेखपाल के द्वारा संतोषजनक कार्य नहीं किया गया। जिसको लेकर तमाम लोग आई .जी. आर. एस. के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र डाला। जिसकी जांच पुनः करने के लिए लेखपाल को दी गई। लेखपाल मौके पर गए और जांच की। जब लोगों ने उनसे पूछा कि यह किस तरह की जांच है, तब उन्होंने लोगों को भ्रमित करके कुछ और बताया जैसा कि लोगों को कहना है और वहां अवैध कब्जा पंचम राजभर उर्फ़ लोहार राजभर , पुत्र तिलक राजभर, रामकरण राजभर, पुत्र सुरहरु राजभर को लेखपाल के द्वारा कब्जा दिलाया गया। जिसको लेखपाल ने कागज में दिखाया की वहां पर किसी अवैध लोग को कब्जा नहीं दिलाया गया। लेकिन मौके पर अवैध कब्जा पाया गया। जब लोगों ने इसके बारे में लेखपाल से मिले तो उन्होंने पैसे का मांग की। लोगों ने बताया कि हम लोगों ने मिलकर पांच-पांच हजार रुपए चंदा लगाकर लेखपाल को लगभग ₹50000 दिया। लेखपाल ने पैसे भी लिया और हम लोग का काम भी नहीं किया। जिसको लेकर राजभर बस्ती के लोग आये दिन डीएम एसडीएम के यहां दौड़ रहे है, लेकिन उचित कार्यवाही न होने से वह काफी मायूस है। आज उनकी मुलाकात मीडिया से हुई। उन्होंने अपनी पूरी बात मीडिया के सामने बताई और लेखपाल पर यह गंभीर आरोप लगाया कि लेखपाल कुलदीप पांडे ने हम लोगों से पैसा लेकर हम लोगो का कार्य नहीं किया और वहां पंचम राजभर उर्फ़ लोहा राजभर, पुत्र तेलगु राजभर, रामकरण राजभर पुत्र सुरहू राजभर को अवैध रूप से कब्जा दिया गया। लोगों ने बताया कि दस्तखत भी लेखपाल ने हम लोगों की जगह पर किसी और से कराया है, और उस पर जो मोबाइल नंबर डाला गया वह भी किसी और का है। जिसमें एक नंबर हरियाणा के व्यक्ति का मिला दूसरा कोलकाता में रहने वाले किसी व्यक्ति का है। जो की यह सरासर गलत है। अगर इस तरीके से लेखपालों की मनमानी चलती रहेगी तो गांव में निश्चित रूप से कोई बड़ी घटना हो सकती है। इसलिए ऐसे लेखपालों पर कठोर से कठोर दंडात्मक कार्यवाहीं करने की आवश्यकता है, ताकि इस तरह के दुस्साहस करने का कार्य और कोई अन्य न कर सके।

जय प्रकाश चन्द्रा, ब्यूरो चीफ, गाजीपुर

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