आजमगढ़/मेहनाजपुर के बरवा मोड़ पर स्थित आशीर्वाद क्लीनिक के डॉक्टर महेंद्र विश्वकर्मा की लापरवाही से एक व्यक्ति की जान जाते-जाते बची। आपको बताते चलें कि मेहनाजपुर क्षेत्र के सकिया बकिया के रहने वाले कन्हैया लाल को कुछ दिन पहले हल्का बुखार आया जिसे दिखाने के लिए वह बरवा मोड़ पर स्थित आशीर्वाद क्लीनिक गए जहां डॉक्टर ने उनका सारा जांच करवाया जांच में उनका मलेरिया नेगेटिव मिला लेकिन व्यक्ति ने डॉक्टर के ऊपर आरोप लगाया कि डॉक्टर की लापरवाही और गलत दवा के कारण उसके लिवर में सूजन हो गया एवं पस भर गया कई बार क्लीनिक का चक्कर काटते काटते जब थक हार गया और उसे आराम नहीं मिला तो वह राजकीय चिकित्सालय चक्रपानपुर गया जहां जब उन्होंने अपना सोनोग्राफी और सारा जांच करवाया तो जांच में आया कि उसके लिवर में काफी ज्यादा पस भर गया जिसका काफी दिन तक इलाज हुआ तब जाकर उसे कुछ आराम मिला। सवाल यह उठता है कि इस तरह से कई नर्सिंग होम ,पैथोलॉजी सेंटर, एवं सोनोग्राफी सेंटर बिना किसी स्पेशलिस्ट डॉक्टर की मौजूदगी में चल रहे हैं लेकिन इस पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई नहीं कर पा रहा है यह कोई पहला मामला नहीं है ऐसे मामले ना जाने क्षेत्र में कितने हैं। जबकि डॉक्टर के यहां मरीज भर्ती करने का कोई उचित प्रबंध भी नहीं है ओपीडी और एडमिट दोनों पास पास ही हैं जहां अन्य मरीजों को भी संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है। जब इस प्रकरण पर चिकित्सा अधिकारी तरवा और एडिशनल सीएमओ से बात किया गया तो उन्होंने बताया है कि उस हॉस्पिटल की सारी डिटेल जांच कर उस पर उचित कार्रवाई किया जाएगा । ऐसा मामला उस हॉस्पिटल में कई लोगों के साथ हुआ है ना जाने कितने गरीब डॉक्टर के चंगुल में फंसकर शोषित हो रहे हैं अब देखना यह दिलचस्प होगा कि आख़िर स्वास्थ्य विभाग उस हॉस्पिटल के ऊपर क्या कार्रवाई करता है। और क्षेत्र में इस तरह से जितने भी नर्सिंग होम पैथोलॉजी सेंटर एवं सोनोग्राफी सेंटर संचालित हो रहे हैं उनके ऊपर क्या कार्रवाई की जाएगी
मेहनाजपुर में डॉक्टर की लापरवाही से पुरुष की जान जाते-जाते बची-आशीर्वाद क्लिनिक
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