आजमगढ़ ब्लॉक मुहम्मदपुर में हैंडपंप मरम्मत व रिबोर के नाम पर बड़ा खेल किया जा रहा है।प्रधान व सचिव का गठजोड़ अपनी चहेती फर्मों में लाखों की रकम का भुगतान तो कर रहा है,लेकिन धरातल पर हैंडपंपों की दशा जस की तस है।पेयजल के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं,जबकि प्रधान व सचिव मरम्मत और रिबोर के नाम पर सरकारी रकम की बंदरबांट में मगन हैं।इंडिया मार्का हैंडपंप की मरम्मत व रिबोर में आने वाले खर्च से दोगुना रकम का भुगतान कर दिया जाता है,इसके बाद भी कई हैंडपंप खराब खराब पड़े हैं।मिस्त्री व सामग्री विक्रेता बताते हैं कि हैंडपंप में ग्लास,वाॅशर,सरिया,चेन व हत्था खराब होते हैं।यह सारी सामग्री 7200 रुपये में मिल जाती है।अधिकतर हैंडपंपों में एक साथ सारी चीजें खराब भी नहीं होती हैं।इसमें अगर लेबर व मिस्त्री का मेहनताना भी शामिल कर लिया जाए तो भी एक हैंडपंप पर 8500 से नौ हजार रुपये तक खर्च होते हैं,जबकि मरम्मत के नाम पर भुगतान की जा रही धनराशि इससे कहीं अधिक है,एक हैंडपंप की मरम्मत के लिए 14 हजार 800 रुपये से लेकर 19 हजार 500 रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है।रिबोर के दौरान मशीन से लेकर अन्य सभी सामग्रियां बदल कर डाली जाएं तो 23 हजार से लेकर 25 हजार रुपये तक खर्च आता है,जबकि रिबोर के नाम पर 32 हजार से लेकर 54 रुपये तक का भुगतान किया जा रहा है,रिबोर के दौरान खराब सामग्रियों को ब्लॉक में तैनात जल निगम के जेई के पास जमा करानी होती है लेकिन ऐसा नहीं किया जाता है।जेई भी मानते हैं कि रिबोर में धांधली की जा रही है,दरअसल, कुछ खराब निकलने वाली सामग्री बदलकर अन्य सभी चीजेे पुरानी ही इस्तेमाल कर ली जाती हैं,हैंडपंप की मशीन जरूर नई लगा दी जाती है।मुहम्मदपुर विकासखंड के मोहिद्दीनपुर गांव निवासी समाजसेवी शिवलाल यादव ने ऑनलाइन शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर विगत माह किया था कि उनके घर के पास स्थित इंडिया मार्का हैंड पंप 2 माह से खराब पड़ा हुआ है जिससे हैंडपंप के आसपास रहने वाले 8 घरों के लगभग 60 सदस्य निजी हैंडपंप का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं । इस संदर्भ में ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों को भी अवगत कराया गया था , जिला पंचायत राज अधिकारी आज़मगढ़ के कार्यालय से सहायक विकास अधिकारी पंचायत को पत्र भी उक्त संदर्भ में आया था लेकिन शिकायती पत्र देने के एक माह बाद भी आज तक ढाक का तीन पात ही रहा । अब तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई । शिकायत पर दुबारा शिकायतकर्ता द्वारा अनुस्मारक भी भेजा गया लेकिन फिर भी जिम्मेदार लोगों के कान पर जूं तक नहीं रेंगा । समाजसेवी शिवलाल यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर उक्त शिकायत से अवगत कराया है और जल्द से जल्द कार्यवाही करने की मांग की है ताकि दूषित पानी पीने से किसी को कोई गंभीर बीमारी ना पैदा हो ।
हैंडपंप मरम्मत और रिबोर के नाम पर सरकारी धन की बंदरबांट मुख्यमंत्री को हुआ ट्वीट
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