देव दीपावली के पावन अवसर पर शिवधाम बेलवाई में 1 लाख 51हजार दीपों का सागर उमड़ा — डॉ. वेद प्रकाश सिंह ने जलाया आस्था का दीप,जन-जन में जगाई आस्था की ज्योति

0
14

 

 

दीपों की झिलमिलाहट में नहाया भुनेश्वर शिवधाम, माँ गंगा की आरती, लेजर शो और सांस्कृतिक संगीत संध्या ने बाँधा समां

सुल्तानपुर

 

जिले से लगभग 80 किमी सुदूर स्थित भुनेश्वर शिवधाम बेलवाई में देव दीपावली के पावन पर्व पर जैसे सरयू की लहरों पर दीपों का आलोक अयोध्या को दिव्यता से भर देता है, उसी क्षण सुलतानपुर का शिवधाम बेलवाई भी अपनी ज्योतिर्मय पहचान रचता है। पाँच नवम्बर की संध्या को यहाँ आस्था का ऐसा अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जिसे शब्दों में बाँधना कठिन है।

1.51 लाख दीपों से आलोकित सरोवर तट, माँ गंगा की महाआरती, “हर हर महादेव” के गगनभेदी मंत्रोच्चार और हजारों श्रद्धालुओं की एकाग्र भक्ति — यह सब मिलकर शिवधाम को उस दिव्य ज्योति का केंद्र बना रहे थे, जहाँ आस्था और आधुनिकता एकाकार हो गई।

 

शिवधाम बेलवाई में बुधवार की शाम भक्ति, आस्था और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब देव दीपावली एवं कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित भव्य दीपोत्सव में दीपों का महासागर उमड़ पड़ा। सरोवर तट पर 1.51 लाख दीपों की एक साथ प्रज्वलित ज्योति से पूरा परिसर अलौकिक आलोक से नहा उठा।

 

इस भव्य आयोजन का नेतृत्व और प्रेरणा डॉ. वेद प्रकाश सिंह ‘राजू भईया’, प्रबंध निदेशक, श्री विश्वनाथ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, कलान, सुल्तानपुर द्वारा किया गया। उनके भावनापूर्ण आह्वान पर हजारों श्रद्धालु अपने परिवार सहित इस दिव्य उत्सव के सहभागी बने।

 

गंगा आरती में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

 

सायं आरंभ हुई माँ गंगा की महाआरती ने पूरे वातावरण को भक्ति रस से भर दिया। जैसे ही “हर हर महादेव” और “गंगे माँ की जय” के जयघोष गूंजे, सरोवर तट मंत्रमुग्ध हो उठा। पुजारियों और स्वयंसेवकों द्वारा एक साथ उठती आरती की थालियों से निकली लौ ने ऐसा दृश्य रचा कि उपस्थित श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।

 

लेजर शो और सांस्कृतिक संगीत संध्या बनी आकर्षण का केंद्र

 

रात्रि में आयोजित लेजर शो ने दीपों की झिलमिलाहट में आधुनिकता का जादू बिखेरा। रंगीन किरणों से गंगा तट पर उकेरे गए धार्मिक प्रतीक और लोकचित्रों ने आस्था को एक नया आयाम दिया। इसके बाद हुई सांस्कृतिक संगीत संध्या में भक्ति गीत, लोकनृत्य और संगीतमय प्रस्तुतियों ने श्रद्धालुओं को देर रात तक बाँधे रखा।

 

स्थानीय कलाकारों ने ‘शिव तांडव स्तोत्र’, ‘गंगा आरती’ और ‘जय जय शिवशंकर’ जैसे गीतों से ऐसा वातावरण बनाया मानो स्वयं कैलाश का दरबार सज उठा हो।

 

भव्यता और व्यवस्था दोनों में रहा आयोजन उत्कृष्ट

 

आयोजन समिति के अनुसार इस वर्ष 40 से 50 हजार श्रद्धालुओं ने दीपोत्सव में भाग लिया। सुरक्षा, चिकित्सा, प्रकाश व्यवस्था और यातायात नियंत्रण के लिए की गई तैयारियाँ पूरी तरह सफल रहीं। लगभग 2000 प्रशिक्षित स्वयंसेवक दिनभर व्यवस्थाओं में जुटे रहे।

 

स्थानीय पुलिस प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, और सामाजिक संगठनों की समन्वित भूमिका से कार्यक्रम बिना किसी अव्यवस्था के सम्पन्न हुआ।

 

डॉ. वेद प्रकाश सिंह बोले — “हर दीप में जली सनातन श्रद्धा की लौ” कार्यक्रम के समापन पर डॉ. वेद प्रकाश सिंह ने कहा

“यह दीपोत्सव केवल दीपों का नहीं, बल्कि जन-जन की आस्था और संस्कारों का उत्सव है। जब दीप जलता है तो वह अंधकार नहीं, हमारे भीतर की सत्य, प्रेम और श्रद्धा की ज्योति जगाता है। आज शिवधाम में हर दीप ने आस्था की लौ जलाई है।”

 

उन्होंने क्षेत्रवासियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह आयोजन समाज की सामूहिक चेतना और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन चुका है।

 

स्वर्गिक दृश्य में बदला भुनेश्वर शिवधाम बेलवाई— श्रद्धालु बोले, यह केवल आयोजन नहीं, आध्यात्मिक अनुभव था, मानो ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे स्वर्ग धरा पर उतर आया है

 

दीपों की पंक्तियों, आरती की घंटियों और भजनों की स्वर लहरियों के बीच शिवधाम का हर कोना दैदीप्यमान हो उठा। श्रद्धालु देर रात तक इस दृश्य को कैमरों में कैद करते रहे। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि ऐसा दिव्य आयोजन केवल शिवधाम बेलवाई में ही संभव है, जहाँ आस्था और सेवा एक साथ प्रवाहित होती हैं।

 

आस्था की ज्योति से आलोकित हुआ सम्पूर्ण भुनेश्वर शिवधाम बेलवाई

 

रात गहराने के साथ ही शिवधाम का हर दीप मानो एक संदेश दे रहा था —“जहाँ दीप जले, वहाँ अंधकार मिटे; जहाँ आस्था जगे, वहाँ मानवता खिले।”देव दीपावली का यह दीपोत्सव केवल शिवधाम का नहीं, बल्कि सम्पूर्ण अखंड भारत का गौरव बन गया।

 

ब्यूरो रिपोर्ट

के मास न्यूज सुल्तानपुर

In

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

two + six =