सुल्तानपुर जिले से जुड़ी एक बेहद दुखद घटना है। गोसाईंगंज क्षेत्र के अर्जुनपुर गांव की 15 वर्षीय आराधना ने रविवार की सुबह अपनी जिंदगी समाप्त कर ली। उसने गोमती नदी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। 32 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद SDRF टीम ने उसका शव नदी से बरामद किया।
घटना रविवार सुबह करीब सात बजे की है। आराधना अपनी छोटी बहन अंशु के साथ घर से निकली थी। दोनों पापड़ घाट पुल पर पहुंचीं। वहां आराधना ने अपनी बहन से कहा कि वह मां की डांट से परेशान है और नदी में कूदने का विचार कर रही है। यह सुनकर छोटी बहन घबरा गई और तुरंत घर जाकर मां को जानकारी दी।
मां माधुरी जब पुल पर पहुंचीं तो उन्होंने देखा कि आराधना पुल की रेलिंग पर चढ़ी हुई थी। मां ने काफी समझाया, लेकिन आराधना ने उनकी बात नहीं मानी और नदी में कूद गई। इस पर स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पहले गोताखोरों को लगाया गया और बाद में SDRF टीम को बुलाया गया। सोमवार दोपहर करीब दो बजे आराधना का शव खैरहा क्षेत्र के पास मिला।
घटनास्थल से शव मिलने का स्थान लगभग आठ किलोमीटर दूर था। शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिवार में आराधना नौ भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी। उसके पिता विनोद अयोध्या में निजी नौकरी करते हैं।
सूत्रों के अनुसार, घटना से एक दिन पहले शनिवार को मां माधुरी ने आराधना को एक लड़के से बात करते देख लिया था। इस पर उन्होंने पहले उसे डांटा और बाद में उसकी पिटाई भी कर दी थी। मां की डांट से आहत होकर ही आराधना ने यह कदम उठा लिया। घटना की जानकारी मिलने पर पिता भी मौके पर पहुंच गए।
यह दर्दनाक घटना समाज को एक गहरा संदेश देती है कि बच्चों के साथ संवाद और समझदारी से व्यवहार बेहद जरूरी है। गुस्से और डांट-फटकार से कई बार मासूम बच्चे मानसिक रूप से टूट जाते हैं और बड़ा कदम उठा लेते हैं। ऐसे मामलों से सबक लेकर परिवारों को चाहिए कि वे बच्चों की भावनाओं को समझें, उन्हें सही मार्गदर्शन दें और दोस्त की तरह उनका साथ निभाएं।
के मास न्यूज सुल्तानपुर