फ़्रांस क़ी सेलाडा बनी पखरौली क़ी बहुरिया विश्व भारती के गोल्ड मैडलिस्ट शुभांकर के मोहपाश में भारत आई और रचा ली शादी, बहू के स्वागत में उमड़े ग्रामवासी

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कादीपुर/सुलतानपुर
अंत्यत गरीब परिवार में जन्मे जिले के पखरौली गांव निवासी शुभांकर ने अपनी मेधा का ऐसा परचम बुलंद किया कि फ्रांस की अंग्रेजी गर्ल उन पर फिदा हो गई। फिर इस कदर प्यार परवान चढा कि दोनों जीवनभर के लिए एक-दूसरे के हो गए। गत दिनों अपने परिजनों के साथ फ्रांस से इंडिया पहुंची अंग्रेजी मैम ने तथागत की उपदेश स्थली सारनाथ में बौद्ध रीति-रिवाज से शादी रचा डाली। पखरौली गांव में अंग्रेजी बहुरिया आने की खबर फैली तो लोग स्वागत को उमड पडे। समूचे गांव में सिर्फ शुभांकर के प्यार और कामयाबी की चर्चाएं आम हो गई है।
बात कर रहे हैं सुलतानपुर जिले के भदैंया ब्लॉक क्षेत्र के पखरौली गांव निवासी पुस्तक विक्रेता राजेश कुमार एवं आंगनबाडी कार्यकर्ता सुशीला देवी के छोटे पुत्र शुभांकर की। शुभांकर प्रकाश भारतीय बचपन से ही होनहार थे। गौरीगंज नवोदय विद्यालय के टॉपर रहे शुभांकर विश्व भारती युनिवर्सिटी पश्चिम बंगाल से फाइन ऑर्ट में गोल्ड मेडलिस्ट हैं। फाइन ऑफ ऑर्ट में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक लाने के बाद छात्रवृत्ति पर शुभांकर फ्रांस में पढ़ाई के लिए भेजे गए। फ्रांस में पढाई पूरी होने के बाद वहीं नौकरी करने लगे। जहां पर शुभांकर की फ्रांसीसी बाला नीना सेलादा से मुलाकात हुई और दोनों में दोस्ती हो गई। कई वर्षों तक दोनों एक-दूसरे के करीब रहे। ज़ब प्यार परवान चढा तो दोनों ने शादी रचाने की निश्चय कर लिया. बीते पखवारे नीना सेलादा अपनी माँ वेरोनिका निवासी मार्शे फ्रांस व अन्य सगे-संबंधियों के साथ भारत आ पहुंची। शुभांकर प्रकाश भारतीय के साथ सारनाथ में बौद्ध रीति-रिवाज से शादी रचाई। शादी की रश्मे सुलतानपुर के युवा कवि एवं बौद्धाचार्य शरद कुमार बौद्ध ने पूरी कराई। नवविवाहित जोडे को शुभांकर के पिता राजेश कुमार, माता सुशीला देवी, भाई डा.रवींद्र प्रकाश भारतीय, आरटीओ देवमणि भारतीय, दयाराम बौद्ध, प्रो.बृजेश अस्थावल, शैलेंद्र भीम आदि ने आशीर्वाद दिया।
के मास न्यूज कादीपुर

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