कादीपुर/सुल्तानपुर
सुलतानपुर की पूर्व जिला पंचायत सदस्य कमला यादव को बड़ा झटका लगा है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अयोध्या अशोक कुमार दुबे की कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत निरस्त कर दिया है।
दरअसल धनपतगंज के ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू ने अयोध्या कोतवाली में एक तहरीर दी थी। अयोध्या दीवानी में 2014 में वह कोर्ट में एक पेशी पर गए थे। वहां से लौटते समय दीवानी परिसर में ही कमला देवी जो की ग्राम मझवारा जिला सुलतानपुर की निवासनी हैं। ललकार कहा कि ये मोनू सिंह है इसको जान से मार डालो। यह बचकर नहीं जाना चाहिए। इतने में कमला यादव के साथ आए लोगों ने वादी के ऊपर जान से मार डालने की नियत से बम और असलहों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया था। जिसमें वादी मोनू सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर पुलिस के जवान और पब्लिक ने एक हमलावर ज्ञानेंद्र शर्मा को पकड़ लिया। अन्य 7 से 8 लोग मौके से फरार हो गए थे।
उसी मामले में कमला यादव नामजद थी। कमला यादव को इसी मामले में कोर्ट ने 2 अगस्त को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था। कोर्ट ने आदेशित किया था कि नियमित जमानत प्रार्थना पत्र की सुनवाई की तारीख को अभियुक्ता सक्षम न्यायलय में आत्म समर्पण कर अपना पक्ष रखेगी। कमला यादव ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह निर्दोष है।
वर्ष 2010 में प्रधानी के चुनाव हेतु प्रार्थनी का गांव मझवारा पिछड़ी जाति महिला हेतु आरक्षित किया गया था। जिसमें खुद वह प्रत्याशी थी। कमला यादव ने कहा की सोनू सिंह और मोनू सिंह द्वारा अपने प्रत्याशी को निर्विरोध चुनाव जीतने के लिए प्रार्थनी से पर्चा वापस लेने का दबाव बनाया। वह पीछे नहीं हटी, जिस पर सोनू सिंह और मोनू सिंह ने गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। कमला यादव ने कहा कि उसने कोई ऐसा कार्य नहीं किया है, जो अपराध की श्रेणी में आता हो। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने कमला यादव की अंतरिम जमानत खारिज कर कोर्ट ने जेल भेज दिया।
के मास न्यूज कादीपुर