“श्वासों की पूंजी सीमित है, समय रहते भजन करें” — संत पंकज जी महाराज

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बक्शा, जौनपुर।

विकासखंड बक्शा के मई चौराहा के पास गुरुवार को शाकाहार-सदाचार-मद्यनिषेध एवं आध्यात्मिक जनजागरण यात्रा के अंतर्गत संत पंकज जी महाराज का भव्य सत्संग समारोह आयोजित हुआ।

अपने प्रवचन में संत पंकज जी ने मानव जीवन के असली उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा, “जब हम इस संसार में आए, तो न जात-पात थी, न कोई बिरादरी या मजहब। केवल एक चेतना थी, जिसे परमात्मा ने मन, बुद्धि और चित्त के रूप में हमें प्रदान किया।”उन्होंने आगे कहा कि श्वासों की पूंजी निश्चित समय के लिए मिली है, और एक बार समय पूरा होने पर, न जमीन-जायदाद साथ जाएगी, न रिश्तेदार और न ही कोई सामाजिक पहचान। “जीवात्मा के निकलते ही यह शरीर केवल मिट्टी का पुतला रह जाता है,” — उन्होंने स्पष्ट किया। संत पंकज जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सुमिरन, ध्यान और भजन का महत्व समझाते हुए कहा कि कलयुग में केवल ‘सुरत-शब्द योग’ ही जीव की रक्षा कर सकता है। उन्होंने रामचरितमानस का उल्लेख करते हुए कहा—”कलियुग योग यज्ञ नहिं दाना, एक अधार नाम गुन गाना।”उन्होंने पूज्य संत कबीरदास, गुरु नानक देव, रविदास जी, मीराबाई, बाबा जयगुरुदेव जैसे संतों के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

इस अवसर पर उन्होंने आगामी 28 नवम्बर से 2 दिसम्बर 2025 तक जयगुरुदेव मंदिर, मथुरा में आयोजित दादा गुरु पूज्यपाद स्वामी घूरेलाल जी महाराज के 77वें वार्षिक भंडारा सत्संग मेला में सम्मिलित होने का निमंत्रण भी दिया।कार्यक्रम के सफल आयोजन में ऋषिदेव श्रीवास्तव, अरुण कुमार वर्मा, महेंद्र बिंद, डॉ. ओंकार प्रजापति, सुरज अग्रहरि, बजरंगी प्रजापति, रामसहाय ‘बब्बर’, कृपा शंकर अग्रहरि, राजबहादुर यादव, अवधेश दुबे और जगदीश सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा शांति व्यवस्था में सक्रिय सहयोग किया गया।

कार्यक्रम के उपरांत जनजागरण यात्रा का अगला पड़ाव थाना बक्शा के ग्राम रजियामऊ रहा, जहां आज दोपहर 12 बजे से सत्संग संदेश का आयोजन निर्धारित है।

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