गोकाशी की खबर चलाने पर हत्या करने की नियत से अराजक तत्वों ने पत्रकार का किया पीछा, न्याय की गुहारके लिए क्षेत्राधिकारी क्षेत्राधिकारी को दिया प्रार्थना पत्र

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जौनपुर /घटना शाहगंज कोतवाली थाना क्षेत्र के मजडीहा गांव का है मिली सूचना के अनुसार जहा पर गोकशी की खबर चलाने पर शाहगंज के एक पत्रकार को महंगा पड़ा l जिसका नतीजा यह निकला कि गोकशी में लिप्त अराजक तत्वों ने पत्रकार को घर जाते वक्त जान से मारने की नियत से मोटरसाइकिल से पत्रकार का पीछा किया l जिसके सम्बध में पत्रकार ने वर्तमान सीओ अंकित कुमार को लिखित रूप से प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई। और आपको बता दें कि मोहम्मद अर्सलान एक दैनिक अखबार के शाहगंज के संवाददाता हैं l और उनके अखबार में थाना कोतवाली शाहगंज अंतर्गत 15 दिसंबर 2021 को गोकशी के के मामले को लेकर के एक खबर प्रकाशित की किया गया था l जिसके परिणाम स्वरूप बदले और द्वेष की भावना से गोकशी में लिप्त आरोपियों ने शाहगंज बाजार से वापस घर जाते वक्त पत्रकार का जान से मारने की नियत से पीछा करने लगे l किंतु किसी प्रकार से पत्रकार ने मोटरसाइकिल की रफ्तार तेज करके भाग कर अपनी जान बचाई। पत्रकार ने शाहगंज के क्षेत्राधिकारी अंकित कुमार को लिखित रूप से प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई l और आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रभारी निरीक्षक शाहगंज थाना कोतवाली को आदेशित करने के लिए अनुरोध किया है।आपको बता दें कि दिए गए प्रार्थना पत्र में आरोप है कि 24 दिसंबर 2021को शाम 6:30 बजे के करीब दो मोटरसाइकिल से तीन व्यक्ति जिनके नाम क्रमशः साजिद पुत्र मैनुद्दीनऔर तनवीर पुत्र सुहेल व एक अज्ञात व्यक्ति, निवासीगण मजडीहा थाना कोतवाली शाहगंज ने पीछा करके जान से मारने की कोशिश की थी। जो की अत्यंत चिंताजनक और गंभीर मामला है कि जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले प्रदेश सरकार में मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदेश में इस समय पत्रकार न ही सुरक्षित हैऔर न ही सुरक्षित महसूस कर रहा है। जहां सरकार एक तरफ गौ माता के हत्यारों के खिलाफ पूरी तरह से सख्त दिखाई देती हैl तो वही गौ माता की हत्या करने वाले हत्यारों और गोकशी करने वाले लोगों के मामले में सरकार की मंशा के अनुरूप सच को दिखाना पत्रकार को महंगा साबित हो रहा है , जिसका परिणाम यह है कि पत्रकार को जान से मारने की नियत अराजक तत्वों द्वारा उसका पीछा किया गया। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि एक तरफ सरकार जहां मीडिया को स्वतंत्र रूप से निर्भीक होकर कार्य करने के लिए देश का चतुर्थ स्तंभ कहते हुए पीठ थपथपाते हुई नजर आती है तो वही दूसरी तरफ़ पत्रकारों द्वारा सच का आईना दिखाने पर सरकार पत्रकारों के साथ न्याय करने के लिए गैर जिम्मेदार भी नजर आ रही है। अब तो देखना यह है कि पत्रकार के इस मामले में पुलिस प्रशासन द्वारा क्या कार्रवाई की जायेगी l क्योंकि आज के समय में पत्रकारों को न्याय मिलना बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य साबित हो रहा है जिसके कारण उन्हें विभिन्न प्रकार से अन्याय अत्याचार और उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है।इस मामले को लेकर में क्षेत्राधिकारी अंकित कुमार से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि पत्रकार के साथ अन्याय नहीं होगा और न्याय दिलाया जाएगा, साथ ही गोकशी करने वाले लोगों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की भी किया जायेगा l
सब ब्यूरो चीफ हीरा मणि गौतम की रिपोर्ट

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