आखिर प्रशासन,सीएम के आदेश को ताख पर रखकर, पत्रकारों के साथ बदसलूकी करने का आये दिन आता रहता मामला

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**पत्रकारो की सहायता एवं सुरक्षा को लेकर कई बार,सीएम ने प्रशासन को दी कड़ी चेतावनी इन के साथ किसी प्रकार का नहीं करेगा,कोई भेदभाव

**आखिर प्रशासन मुख्यमंत्री के हंटर का तो नहीं करता इन्तेज़ाम बदसलूकी करने वाले अधिकारियों पर, कब चलेगा सीएम का हंटर

सुल्तानपुर -आखिर प्रदेश सरकार के दावे पर पत्रकारों को सुरक्षा व ऐसे ही कोतवाली और थानों में तैनात कोतवाल और सिपाही पत्रकारों के साथ अभद्रता करते रहेंगे तो भारत का चौथा स्तंभ कैसे सलामत रहेगा। इस घटना को लेकर क्षेत्र में पत्रकारों में आक्रोश फैला हुआ है जो आए दिन पत्रकारों या आम नागरिकों से अभद्रता जिले की कोतवाली और थानों में तैनात कोतवाल या सिपाही करते रहते हैं जनपद में तैनात अधिकारी पत्रकार के मुंह से पत्रकार नाम सुनते ही आग बबूला हो जाते हैं मामला इब्राहिमपुर थाने पर तैनात एसआई रामनरेश से जुड़ा हुआ है थाने में भैंस चोरी का मुकदमा अज्ञात के विरूद्ध पंजीकृत हुआ जिस मामले का फर्जी खुलासा और लीपापोती दरोगा साहब के द्वारा किया जाने लगा पत्रकार साक्ष्य के लिए वीडियो बनाने लगा जो बात तो साहब को न गवार लग गया और पत्रकार का मोबाइल छीन लिया लेकिन मोबाइल में वीडियोग्राफी चालू होने के कारण उसके बाद की करतूती भी रिकॉर्ड हो गया। बीडियो बनाने पर इब्राहिमपुर थाने पर तैनात एसआई रामनरेश अपना आपा खो बैठे और एक पत्रकार को पटक कर मारने की धमकी तक दे डाली वहीं एसओ से यह भी कहते नजर आए की साहब मैं लाइन चला जाऊंगा लेकिन अभी दो मिनट में पत्रकार को पटक के मारुंगा ऊची पहुंच रखने वाले कानून को हाथ मे ले लेते हैं एस आई को कार्यवाही का कोई डर नही पत्रकार को ही दे डाली धमकी जो समाज का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार के साथ अगर पुलिस वाले इस तरह का व्यवहार करेंगे तो वह स्वतंत्र होकर वह कभी काम नहीं कर पाएगा अब देखना है कि एस आई के ऊपर क्या कार्रवाही होती है।आखिर एस आई द्वारा बताएं जाए कि पत्रकार द्वारा वीडियो बनाना और वीडियो बनाने की सजा पटक के मारना है एस आई राम नरेश द्वारा पत्रकार को पटक के मारने की सजा कानून के किस अनुच्छेद में उन्हें अधिकार प्रदान करती है। एक मामला स्थानीय इब्राहिमपुर थाना क्षेत्र के पत्रकार को भैंस चोरी के एक मामले में थाने में गए इन्हे सूचना मिली थी कि भैंस चोरी के इस मामले में थाने के दरोगा रामनरेश के द्वारा फर्जी तरीके से खुलासा करते हुए लीपापोती किया जा रहा है जिसकी जानकारी पत्रकार ने वीडियो में बयान के माध्यम से दरोगा रामनरेश से जानकारी लेनी चाही इसी बात को लेकर इब्राहिमपुर थाने पर तैनात बेलागाम एसआई रामनरेश भड़क गए और पत्रकार के साथ बत तमीजी करते हुए मोबाइल फोन छीन लिया जब की पत्रकार द्वारा साक्ष्य के लिए वीडियो बनाया जा रहा था लेकिन दरोगा इस कदर भड़क गया की सीधे थानाध्यक्ष के समक्ष पहुंचकर अपनी आपा को खोते हुए थानाध्यक्ष से कहा की साहब भले ही मुझे लाइन हाजिर होना पड़े लेकिन अभी मैं इस पत्रकार को दो मिनट में पटक कर मारूंगा जो होगा देखा जायेगा मैं इनसे परेशान हो चुका हूं अब सवाल ये उठता है कि आखिर दरोगा रामनरेश को पत्रकारों से किस बात की परेशानी है जो इस तरह के बत तमीजी वाली बात करते नजर आए क्या इनकी निगाह में पत्रकारों का कोई सम्मान नहीं है या इन्हे अपने से ज्यादा अपने ऊपर के अधिकारियों पर भरोसा है की मैं कुछ भी करू मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता लेकिन जो कृत्य इन्होंने पत्रकार के साथ किया ये निंदनीय है इससे चौथे स्तम्भ को एक खतरा का संकेत है क्योंकि अगर हर दरोगा और सिपाही इसी तरह लाइन हाजिर और सस्पेंशन का हवाला देते हुए ऐसे ही कृत्य करता रहा तो पत्रकारों की स्वतंत्रता और अस्मिता के साथ साथ देश का चौथा स्तंभ खतरे में आ जाएगा ।पीएम और सीएम का भी आदेश है कि, पत्रकारों से अभद्रता करने वालों पर लगेगा 50,000 का जुर्माना एवं पत्रकारों से बदसलूकी करने पर हो सकती है 3 साल की जेल पत्रकार को धमकाने वाले को 24 घंटे के अंदर जेल भेज दिया जाएगा। पत्रकारों को धमकी के आरोप में गिरफ्तार लोगों को आसानी से नहीं मिलेगी जमानत लगता है यह सब बातें सिर्फ कागजों में ही अच्छी लगती हैं सीएम का कहना है कि पत्रकारों से मान-सम्मान से बात करें वरना आप को पड़ेगा महंगा पत्रकारों के साथ बदसलूकी करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर नही तो एसएसपी पर होगी कार्यवाही पत्रकार नही हैं भीड़ का हिस्सा पत्रकारों के साथ बढ़ती ज्यादती और पुलिस के अनुचित व्यवहार के चलते कई बार पत्रकार आजादी के साथ अपना काम नही कर पाते हैं,कि इसलिए पत्रकारों को उनके काम से रोकना मीडिया की स्वतंत्रता का हनन करना है यह भाविष्य के लिए अच्छा नहीं है।

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