दीदारगंज सीट पर बसपा हाबी,कमजोर पड़ी सपा ,क्या सपा की ताज को बचा पाएगें कमलाकांत राजभर

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दीदारगंज/आजमगढ़:दीदारगंज विधान सभा सीट चुनाव से पहले ही बसपा के पक्ष में वहीं कमला कांत “राजभर” नही कर पाएंगे विधान सभा का “दीदार” समीकरण यही बया कर रहे है। कि कमला कांत “राजभर”के पिता जी स्व सुखदेव राजभर बेंटिलेटर पर थे तभी लिखे थे पत्र , जिस पत्र पर अखिलेश यादव इमोशनल हो कर गलती कर गए हैं। अगर आजमगढ़ से दीदारगंज की सीट पर जीत हासिल करनी हैं दलित नेता स्व सुखदेव राजभर ने लगातार विधायक ,व मंत्री बनते रहे है जो उनका कोर वोटर था दलित ,व अन्य पिछड़ा वर्ग ,था। अब साथ नही हैं वो बसपा के साथ दिखाई दे रहा हैं। आज के समीकरण में कमला कान्त राजभर का साथ दलित अन्य पिछड़ा छोड़ चुका हैं समीकरण भी यही कह रहे है क्योंकि बसपा ने वहां के जमीनी नेता मुन्ना सिंह को टिकट दे दिया हैं। जो जनता के दुख दर्द में शमिल होते आ रहे हैं। यही नहीं बल्कि वे हमेशा से गरीबों और पीड़ितो के साथ मिलकर रहें हैं। इसी बात से साफ-साफ जाहिर होता हैं ।
इंटरव्यू के मुताबित पता चला हैं कमला कांत “राजभर”वे राजनीति के बारे में ज्यादा कुछ नही जानते सिर्फ पिता के नाम पर चल रही विरासत पर राजनीति करने आये है। वैसे तो कमलाकांत राजभर ने अपने विधान सभा दीदारगंज में चुनाव से पहले लखनऊ में। डेरा डाले रहते थे। राजनीति की ज्यादा जानकारी नही हैं। रेस जीतने से पहले राजभर की सपा साइकिल पंचर होनी तय हैं। सूत्रों के मुताबिक कई बाजार जैसे मार्टिनगंज,सिसवरा व नदांव,फरीहा, दीदारगंज,पल्थी के बाजारों में लोगो गुप चुप जाना तो बात निकल कर साफ हो गयी।
अखिलेश यादव ने कर दी है बड़ी चूक
चाटुकारो ने गुमराह कर के आजमगढ़ के दीदारगंज की सीट को हारने की कगार पर ला दी हैं।
सिटिंग विधयाक आदिल “शेख” का टिकट काट कर समाजवादी जनता को परेशानी में डाल दिया हैं। वैसे तो आदिल शेख की एक अच्छी पकड़ व उनके वोटर नाराज भी है। जीत का 40 परसेंट वोट कहीं भी जा सकता हैं ,बस उन लोगो को संरक्षण देने वाला नेता मिल जाये ,
बीजेपी का जनाधार कम नही
दूसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे डॉ कृष्ण मुरारी विश्कर्मा जो पूर्व राज्य मंत्री रहे हैं। दीदारगंज की विधान सभा को और रोचक बना दिया हैं, बता दे कि स्वर्ण वोट और बीजेपी को पूरा समर्थन है जो सत्ता में काबिज भी हैं। और राजनीत का कहरा बखूबी जानते है डॉ विश्कर्मा, वही पर बसपा ने मुन्ना सिंह को टिकट दिया हैं। वही पर बताया जाता हैं मुन्ना सिंह के सम्बंध सभी नेताओं से अच्छे हैं।इस मे वोट का पोलराइजेशन आसानी से हो सकता हैं।
अब देखने वाली बात हैं। जिस तरह अखिलश यादव ने दीदारगंज की सीट पर भरोसा दिखाया हैं वो कितनी कामयाब हो पाती हैं ये बात ,दस मार्च को पता चल पाएगा ,की कमलाकांत अपने पिता की बर्चस्व को आगे बढ़ा पाएंगे या नही। वहीं लोगों का मानना है कि मुन्ना सिंह सत्ता में आए तो विकास होना तय है

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