अयोध्या धाम के रामकोट स्थित नया आनंद भवन मंदिर के सरवराहकार आनंद प्रकाश पाठक ने दर्ज एफआईआर में बताया कि भगवान सुंदर रामजी महाराज नया आनंद भवन एक अति प्राचीन मंदिर है। यह भगवान को समर्पित एक देवोत्तर संपत्ति है, जिसमें भगवान की मूर्तियां स्थापित हैं। इसके वास्तविक स्वामी व निर्माणकर्ता रामसुंदर का निधन हो गया है। उन्होंने मंदिर के संचालन के लिए एक कमेटी बनाई थी, जो उप निबंधक कार्यालय में पंजीकृत है। इसमें उल्लेख है कि कोई भी व्यक्ति मंदिर की संपत्ति अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए किसी भी दशा में हस्तांतरण नहीं करेगा। वह स्वयं प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष व मंदिर के सरवराहकार हैं।
बताया कि मंदिर में पूजा-पाठ के लिए विपक्षी रमाकांत पाठक को नियुक्त किया गया था। उनकी नीयत मंदिर के प्रति खराब होने लगी और वह संपत्तियां बर्बाद करने लगे तो उन्हें पुजारी पद से हटा दिया गया। उन्होंने फिर भी मंदिर खाली नहीं किया तो न्यायालय की शरण ली गई। दो फरवरी, 2016 को उन्हें मंदिर खाली करने का आदेश न्यायालय ने दिया। बाद में उन्होंने नजूल लिपिक से साठगांठ कर धोखाधड़ी से अपनी वल्दियत छिपाकर वरासत अपने नाम करवा लिया। मामले की जांच नजूल अधिकारी ने कराई तो उस आदेश को निरस्त किया गया और आरोपी के खिलाफ धोखधाड़ी समेत अन्य मामले में केस दर्ज हुआ।
रमाकांत पाठक ने छह करोड़ रुपये में 21198.8 वर्ग फीट भूमि 21 सितंबर, 2024 को श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट को बेच दी। इस विक्रय विलेख में गलत तथ्य का उल्लेख किया है। जानकारी होने पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए स्थानीय थाने पर संपर्क किया, लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ तो न्यायालय की शरण ली गई। नगर कोतवाल अश्विनी पांडेय ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर केस दर्ज करके जांच की जा रही है