जी-20 में विकसित देश सुनेंगे विकासशील देशों का दर्द

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जौनपुर – वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में जी-20 द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को किया गया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि गोरखपुर विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रामवंत गुप्ता ने कहा कि जी- 20 देशों का एक समूह है। यह एक ऐसा समूह है जिसमें विकसित और विकासशील दोनों देश शामिल है। इसका लाभ यह है कि अगर कोई विकासशील देश इस ग्रुप में अपना मुद्दा रखता है तो विकसित देश को भी उसकी बात सुननी होगी। उन्होंने भारत के जी- 20 की अध्यक्षता करने के महत्व को विस्तार से बताते हुए कहा कि भारत इस समिट में अपनी विविधता में एकता संस्कृति का प्रस्तुतिकरण करेगा। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज में न्यूट्रीशियन का अंबार है। इसके उपयोग से विश्व बाजार में भारत को मोटा अनाज के निर्यात करने का एक बड़ा अवसर मिलेगा। मोबाइल, फ्रिज और इलेक्ट्रॉनिक्स के कई पार्ट को उत्तर प्रदेश में बनाया जा रहा है । इससे उत्तर प्रदेश की जीडीपी में तेजी से वृद्धि हो रही है। इससे हमें विदेशी निवेश और निर्यात में फायदा होगा। उन्होंने कहा कि खासतौर से उत्तर प्रदेश में विनिवेश होने का महत्वपूर्ण कारण सुशासन है।इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता से देश को बहुत बड़ा फायदा मिलने वाला है। इससे हम विश्व स्तर पर शक्तिशाली देश के रूप में पहचान बना रहे हैं। निवेशकों के अनुरूप माहौल बन रहा है। जो कि हमारे देश और यहां के नागरिकों के लिए एक अच्छी पहल होगी। विषय प्रवर्तन डॉ मनोज पांडे ने किया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ जान्हवी श्रीवास्तव और धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील कुमार ने किया। इस मौके पर जी-20 अम्बेसडर डॉ मनोज पांडे, डॉ रेखा पाल ,मंगला प्रसाद, डॉ अंकित कुमार, डॉ इंद्रजीत, आँचल सिंह, किशन जायसवाल, हिदायत फात्मा आदि मौजूद रहीं।

 

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