हिमांशु श्रीवास्तव एडवोकेट
जौनपुर- अतुल सुसाइड केस में एफआईआर दर्ज होने के बाद निकिता सिंघानिया गिरफ्तारी से बचने के लिए अपना ठिकाना बदल रही थी। वह अपनी लोकेशन छुपाने के लिए व्हाट्सएप पर कॉल करती थी और लगातार अग्रिम जमानत पाने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी यह चालाकी काम न आई और एक फोन कॉल ने उसे जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसी फोन कॉल से पुलिस को पता चला कि वह गुरुग्राम में छपी है। निकिता के मां और भाई प्रयागराज के झूसी में छिपे थे।ये सभी अपने रिश्तेदारों से व्हाट्सएप कॉल से संपर्क में थे लेकिन निकिता ने गलती से एक करीबी रिश्तेदार को फोन कॉल कर दिया। पुलिस ने उसकी टावर लोकेशन ट्रैक की और गुरुग्राम के रेल विहार में पीजी में पहुंच गई। पुलिस ने वहां निकिता को तुरंत हिरासत में ले लिया और अपनी मां को कॉल करने के लिए कहा गया। जब निशा ने कॉल रिसीव की तो पुलिस ने उन्हें झूसी मैं ट्रैक कर लिया और हिरासत में ले लिया। इस प्रकार पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और बेंगलुरु ले गई जहां कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।