गैंगरेप मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को दो लाख जुर्माना के साथ उम्रक़ैद की सज़ा

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समाजवादी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति व दो अन्य को सामूहिक दुराचार मामले में शुक्रवार को एमपी-एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने उम्रकैद की सजा सुनाई. इससे पहले कोर्ट ने 10 नवंबर को गायत्री समेत तीन अभियुक्तों को मामले में दोषी करार दिया था. हालांकि मामले के चार अन्य अभियुक्तों को बड़ी राहत देते हुए, उन्हें अदालत ने बरी कर दिया था.अभियोजन पक्ष के मुताबिक शुक्रवार को सांसद/विधायक अदालत के विशेष न्‍यायाधीश पवन कुमार राय ने सामूहिक दुष्कर्म मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके दो साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा प्रत्येक दोषी पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. इस दौरान अदालत में गायत्री और दो अन्य दोषी मौजूद थे जिन्हें सजा काटने के लिए जेल भेज दिया गया।विशेष न्यायाधीश ने बुधवार को गायत्री समेत तीन लोगों को मामले में दोषी करार दिया था और सजा पर फैसला आज तक के लिए सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने जिन लोगों को सजा सुनाई है, उनमें गायत्री प्रजापति के अलावा आशीष शुक्ला व अशोक तिवारी शामिल हैं.

न्यायाधीश ने तीनों को दोषी ठहराते हुए मामले के चार अन्य आरोपियों- विकास वर्मा, रूपेश्वर, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू और चंद्रपाल को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया था. अभियोजन पक्ष ने मामले में 17 गवाह पेश किए थे.

गौरतलब है कि 18 फरवरी, 2017 को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य के खिलाफ थाना गौतम पल्ली में सामूहिक दुराचार, जानमाल की धमकी व पॉक्सो कानून के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था.

पीड़ित महिला ने दावा किया था कि बलात्कार की घटना पहली बार अक्टूबर 2014 में हुई थी और जुलाई 2016 तक जारी रही तथा जब आरोपी ने उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करने की कोशिश की, तो उसने शिकायत दर्ज करने का फैसला किया. 18 फरवरी, 2017 को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रजापति को मार्च में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में ही थे.

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