सुराई गांव में ग्राम प्रधान के द्वारा जेसीबी से हो रहा चकरोड निर्माण का कार्य

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आजमगढ़ रानी की सराय ब्लाक के अन्तर्गत सुराही गांव में मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्डधारियों को मजदूरी पर नहीं रखा जा रहा है, बल्कि इनके स्थान पर जेसीबी मशीनों से चकरोड का काम लिया जा रहा है। इससे मनरेगा कार्ड धारको में रोष है।
रानी की सराय ब्लाक के सुराही गांव में करीब 200 मीटर चकरोड का निर्माण कराया जा रहा है। इस मार्ग का निर्माण मनरेगा योजना के तहत कराया जाना है। यह कार्य पंचायत क्षेत्र के जॉब-कार्डधारियों से न कराते हुए जेसीबी मशीन से कराया जा रहा है। जबकि पंचायत क्षेत्र के अनेक जॉब-कार्डधारी रोजगार की तलाश में इधर-उधर जा रहे हैं। इनमें कुछ जॉब-कार्डधारी तो मजदूरी के लिए पंचायत से पलायन तक कर चुके हैं।
कोरोना महामारी के दौरान अन्य प्रदेशों से बेरोजगार होकर लौटे ग्रामीणों को यह आशा थी कि गांव पहुंचने पर कुछ न कुछ रोजगार मिल जाएगा। सरकार ने भी ऐसे लोगों के लिए पंचायत स्तर पर मनरेगा सहित अन्य कार्यो के लिए रोजगार की व्यवस्था बनाई। लेकिन अब ग्राम पंचायत स्तर पर ही गैर जिम्मेदाराना रवैया अपना ग्रामीण मजदूरों को बेरोजगार बनाया जा रहा है। कुछ ऐसा ही मामला क्षेत्र के सुराही गांव में देखने को मिल रहा है। मनरेगा योजना अंतर्गत चकरोडका निर्माण कराना था। लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा मजदूरों की बजाय जेसीबी मशीन लगाकर निर्माण कार्य कराया जा रहा है। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत सुराही में लगभग 200 मीटर चकरोड का निर्माण कराया जाना है। प्रावधानों के अनुसार मजदूरों से कार्य कराया जाना था जिससे कि बेरोजगारों को रोजगार मुहैया हो सके। लेकिन यहां पंचायत ने ठेकेदार के साथ मिलकर मजदूरों का हक छीन कर आनन-फानन में जेसीबी मशीन के माध्यम से कार्य आरंभ कर दिया। जिससे ग्रामीणों में रोष है।

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