कम्पोजिट विद्यालय कलान में किया गया न्याय पंचायत स्तर पर बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन

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सुल्तानपुर/शिक्षा क्षेत्र अखंड नगर के कम्पोजिट विद्यालय कलान सुल्तानपुर के प्रांगण में न्याय पंचायत स्तर पर बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी अखंड नगर अरविन्द बहादुर सिंह के द्वारा राष्ट्रीय तिरंगा ना फहरा करके भगवा ध्वज फहराया गया। यह बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता पूरे न्याय पंचायत घाटमपुर की तरफ से की गई। इसमें घाटमपुर न्याय पंचायत के कलान, बेलवाई ,भेलारा इत्यादि जितने भी ग्राम सभाएं हैं सभी विद्यालयों के बच्चे शामिल हुए ।यहां पर अध्यापकों से बात करने पर अध्यापकों ने अपने कमी को छुपाते हुए भगवा ध्वज को न्याय पंचायत स्तर का( लोगो) बताया ।जबकि अन्य अध्यापकों से पता करने पर पता चला कि ऐसा बीआरसी स्तर पर होता है एनपीआरसी स्तर पर नहीं होता है।अब सवाल यह है की भगवा ध्वज अगर न्याय पंचायत घाटमपुर का लोगो है तो अन्य निर्यात पंचायतों का लोगो क्या है? इसको अध्यापक के माध्यम से क्यों नहीं बताया गया ?और अगर ऐसा है तो हर विद्यालय का लोगो हर घर न्याय पंचायत का लोगो अलग अलग होगा। अभी तक किसी विद्यालय का लोगों पता नहीं चला । किसी भी विद्यालय में किसी भी कार्यक्रम में जहां पर कोई राष्ट्रीय खेल होता है उस राष्ट्रीय खेल में राष्ट्रीय ध्वज का या कोई सांस्कृतिक प्रोग्राम होता है वहां पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर उसका शुभारंभ किया जाता है ।किंतु यहां पर भगवा ध्वज फहराया जाना यह साबित करता है कि देश में आर एस एस और बीजेपी की मानसिकता फैलाई जा रही है। बच्चों के अंदर खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से भगवा ध्वज फहराया जाना एक अत्यंत सोचनीय विषय है। क्योंकि किसी अधिकारी के माध्यम से किसी पार्टी विशेष या किसी संगठन विशेष का लोगो (ध्वज) फहराया जाना यह देश के लिए समाज के लिए हितकर नहीं हो सकता है ।विद्यालय का लोगो फहराना जाना खंड शिक्षा अधिकारी का काम नहीं है या किसी भी सरकारी तंत्र के अधिकारी का काम नहीं है। सरकारी तंत्र को राष्ट्रीय ध्वज फहरा करके देश का सम्मान करना चाहिए संविधान का सम्मान करना चाहिए ।अगर ऐसा नहीं करते हैं तो यह देशद्रोह और देश का अपमान हैं । किसी भी प्रोग्राम में( लोगो) लगाना उचित है किंतु अधिकारी के द्वारा (लोगो) का फहराया जाना यह उचित नहीं है।

के मास न्यूज़ सुल्तानपुर पुर

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