बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने यूपी विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले सर्वेक्षणों पर रोक लगाने की मांग की है. मायावती ने कहा कि वह चुनाव से छह महीने पहले मीडिया और अन्य एजेंसियों के सर्वेक्षण पर रोक लगाने की मांग का पत्र भी चुनाव आयोग को लिखेंगी. मायावती का कहना है कि इससे चुनाव पर असर पड़ सकता है.बसपा के संस्थापक कांशीराम के 15वें परिनिर्वाण दिवस पर कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मायावती ने कहा कि जनता उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का मन बना चुकी है. उन्होंने कहा, ‘ जल्द ही मैं निर्वाचन आयोग को चिट्ठी लिखूंगी कि चुनाव के छह महीने पहले से मतदान तक सभी एजेंसियों के सर्वेक्षणों पर रोक लगाई जानी चाहिए ताकि इनसे चुनाव प्रभावित न हो सके.’’ मायावती ने कहा कि ‘पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुए सर्वेक्षणों में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को काफी पीछे बताया जा रहा था लेकिन जब परिणाम आया तो वह ठीक उल्टा था. जो सत्ता के सपने देख रहे थे उनका सपना चकनाचूर हो गया और ममता बनर्जी भारी बहुमत से पुन: वापस आ गई. इसलिये आप लोगों को बहकावे में नहीं आना हैं.’ मायावती ने कहा, ‘प्रदेश में कुछ ऐसी भी छोटी-छोटी पार्टियां व दल हैं जो अकेले या गठबंधन कर चुनाव लड़ सकते हैं. इनका मकसद चुनाव जीतना नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ के लिये पर्दे के पीछे से खासकर सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाना होता है. यह छोटी पार्टियां उन्हीं के हिसाब से अपने प्रत्याशी खड़े करती हैं, इसलिये ऐसी पार्टियों और दलों से सावधान रहने की जरूरत है
चुनाव 2022:बसपा प्रमुख मायावती ने चुनावी सर्वेक्षणों को रोकने की माँग
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