नई दिल्ली :असंतुष्ट विधायक अलका लांबा ने आखिरकार आम आदमी पार्टी (Alka Lamba Resignation From Aam Admi Party) छोड़ने का एलान कर दिया. पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा भी उन्होंने ट्विटर (Twitter) पर ही दिया. एक घंटे पहले ही उन्होंने ‘पार्टी छोड़ने का समय आ गया है’ लिखते हुए ट्वीट किया था. इसके बाद उन्होंने इस्तीफा ट्विटर पर ही दिया. अलका लांबा ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की थी. अटकलें लगाई जा रही हैं कि अलका कांग्रेस में शामिल हो सकती हैं.
लांबा ने आज ट्वीट किया, ‘‘आप को अलविदा कहने और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का समय आ गया है. मेरे लिए पिछले छह साल का सफ़र बड़े सबक सिखाने वाला रहा. सभी का शुक्रिया.” इसके करीब एक घंटे बाद अलका ने दूसरा ट्वीट किया ‘अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जी आपके प्रवक्ता पूछते हैं कि मेरी ख्वाहिश क्या है. मैं ट्विटर पर ही इस्तीफ़ा दे रही हूं, उस आम आदमी पार्टी से जो खास आदमी पार्टी बन गई है.’
बता दें कि चांदनी चौक (Chandni Chowk) से आप विधायक लांबा ने पिछले महीने भी घोषणा की थी कि उन्होंने पार्टी छोड़ने और आगामी विधानसभा चुनाव निर्दलीय के रूप में लड़ने का मन बना लिया है. लांबा पिछले कुछ समय से आप नेतृत्व खासकर पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कार्यशैली से नाराज़ चल रही थीं. केजरीवाल पर पार्टी में मनमानी करने का आरोप लगते हुए वह इसका सार्वजनिक तौर पर कई बार मुखर विरोध कर चुकी हैं.
लांबा और आम आदमी पार्टी के बीच पिछले कुछ समय से टकराव की स्थिति जो शुरू हुई, वह किसी न किसी रूप में चलती रही है. लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने अपने राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से जवाबदेही मांगी थी. इसके बाद उन्हें पार्टी विधायकों के आधिकारिक व्हाट्सऐप ग्रुप से हटा दिया गया था. उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया था और उन्होंने केजरीवाल के रोडशो के दौरान मुख्यमंत्री की कार के पीछे चलने के लिए कहे जाने के बाद रोडशो में भाग नहीं लिया था. लांबा और आप के बीच सबसे पहले टकराव राजीव गांधी को दिए गए ‘भारत रत्न’ सम्मान को वापस लिए जाने संबंधी प्रस्ताव पारित करने के पार्टी के फैसले को लेकर हुआ था. लांबा ने पार्टी के प्रस्ताव पर आपत्तियां उठाई थीं.