**मोहर्रम जुलूस इमाम हुसैन की शहादत और कर्बला की याद दिलाते हैं
खेतासराय (जौनपुर) 12 सितंम्बर नगर पंचायत खेतासराय में गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी मोहर्रम का आखरी जुलूस तीजा का शांतिपूर्वक तरीके से समापन किया गया तीजा जुलूस का समापन होने पर प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है ।
जानकारी के अनुसार ईद उल अदहा त्यौहार के तुरंत बाद मोहर्रम चांद दिखते ही इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना शुरू हो जाता है और तभी से मोहर्रम की पहली तारीख शुरू होती है इस वर्ष ऐसी सिफत रही कि इस्लामिक तारीख और अंग्रेजी तारीख साथ साथ देखने को मिली मोहर्रम की पहली तारीख से नगर के सभी चौक पर ढोल/ तबल बजने की परंपरा शुरू हो जाती है चौक पर अलम लगा दिए जाते हैं यह सिलसिला मोहर्रम की पुरानी यादों को ताजा करती हैं पैगंबर मोहम्मद साहब के दामाद हजरत अली
के बेटे व नबी के नवासे हजरत इमाम हसन हुसैन को यजीद ने धोखे से बुलाकर कर्बला के मैदान में जंग का ऐलान कर देता है और उस वक्त हजरत इमाम हुसैन के साथ खेमे में लगभग 72 की संख्या में लोग मौजूद होते हैं दुश्मन यजीद हजारों लाखों की संख्या में सैनिकों के साथ हमला बोल देता हैं जंग के दरमियान हजरत इमाम हुसैन के कबीले को भूखा प्यासा तड़पाया जाता है और कर्बला के मैदान में शहीद कर दिया जाता है उसी शहादत को लेकर दसवीं मोहर्रम यानी यौमे- आशूरा का जुलूस निकाला जाता है इमाम हुसैन की शहादत की याद शिया सुन्नी अकी अकीदत के साथ पूरी दुनिया के कोने कोने में मनाते है ।
बताते चलें कि नगर में भी मोहर्रम की परंपरा सदियों पुरानी है हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल महमूद खान ने बताया कि मुहर्रम त्यौहार नहीं बल्कि गम का महीना माना जाता है बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि ढोल बजती है तो गम की आवाज निकलती है ताजिया आलम इमाम हुसैन के रोजे की याद दिलाते है अखाड़ा कर्बला में जंग की याद दिलाते है यौमे आशूरा के बाद तीजा की रस्म अदायगी की परंपरा निभाई जाती है ।
बताते दें कि सुबह 9:00 बजे से नगर की सभी चौकों पर ढोल/ तबल बजना शुरू हो गया वहीं पिछले वर्षों से ढोल /तबल की संख्या बढ़ने तथा जुलूस की लंबी कतार होने के चलते सहमती से ग्रुप को दो भागों में बांट दिया गया जिसमें ग्रुप ए के संचालक असलम खान तथा ग्रुप बी का संचालन सभासद इलियास उर्फ मोनू खान की देखरेख में होता है ग्रुप ए में शामिल शहीदी चौक ,भटियारी सराय चौक ,कासिमपुर, शाहपुर, पुरानी बाजार चौक तथा ग्रुप बी में बारा खुर्द, अंसारी चौक, बरतला चौका, महरौडा चौक,आजान शहीद चौक ,निराला चौक, सालार गंज चौक, तथा डोभी आदि चौकदार परंपरा अनुसार जुलूस के दौरान समय-समय पर मिलना कर रस्म अदायगी करते हैं। तीजा का जुलूस ग्रुप बी में शामिल चौकदार अपने-अपने रास्ते अनुसार होते हुए मेन रोड पर आकर मिल जाते हैं मेन रोड से मच्छरहट्टा पहुंचकर ग्रुप ए के पीछे पीछे चलते हैं अखाडा उस्ताद भोलई शाह जुलूस के आगे चलकर अपने फन का मोजाहेरा करते हुए। इमामबाड़ा पहुंचते हैं वहां फातिहा पढ़ी जाती है वही से ग्रुप बी आगे हो गया है और खुटहन रोड पुरानी बाजार के रास्ते होते हुए 4:00 बजे तक अपनी-अपनी चौक पर पहुंचकर जुलूस का समापन किया गया जिम्मेदारी के साथ क्षेत्राधिकारी शाहगंज अजय कुमार जुलूस के साथ साथ सर्किल के थाने क्योंआरटी पुलिस, फायर ब्रिगेड, तथा थाना अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह मय फोर्स जुलूस की निगरानी करते रहे तथा जुलूस अपनी-अपनी चौक पर पहुंचते ही प्रशासन ने राहत की सांस ली वहीं जुलूस मे मौजूद सभासद मोहम्मद आरिफ, सरफराज खान ,कल्लू खान ,मास्टर आजम खान,जुबेर, आदिल ,समीर खान ,तबरेज अशर्फी, सैयद परवेज ,सलाउद्दीन खान ,सैयद दानिश,गुफरान,इत्यादि।