अंबेडकरनगर
जिले में गुटखा कारोबारी इतने बेखौफ हो चुके हैं कि देसी सुपारी के नाम पर अवैध धंधा चला रहे हैं। ताज्जुब यह कि इसके बावजूद विभाग कोई कार्रवाई करने से परहेज कर रहा है। इसका परिणाम है कि हर रोज लाखों रुपये का अवैध कारोबार चल रहा है जिससे राजस्व की हानि के साथ ही लोगों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है।
अंबेडकरनगर जिले मे गुटखों की कंपनियां चल रही लेकिन लगातार आ रहे नियमों की वजह से गुटखे के कारोबार पर असर पड़ा तो गुटखे कारोबारियों ने अब तरीका बदल लिया है। तंबाकू मिश्रित गुटखा बेचने पर रोक है। जाहिर है कि ऐसे में गैर तंबाकू का पान मसाला ही बिक सकता है, लेकिन इस पर भी भारी राजस्व अदा करना पड़ता है। इस कारण गुटखे कारोबारियों ने नया तरीका खोज लिया है। सुगंधित सुपारी के नाम पर यह अवैध कारोबार चल रहा है।देशी गुटखा बाकायदा पाउचों में पैक होकर बाजार में बेचा जा रहा है और इस पर कोई *वैधानिक चेतावनी* तक नहीं लिखी। सादा पान मसाले पर भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने की चेतावनी लिखी जानी चाहिए। परंतु जब गुटखे के पाउच पर पान मसाला ही न लिखा हो तो ऐसे में न तो कोई चेतावनी लिखनी पड़ेगी और न ही इसके लिए कोई राजस्व अदा करना पड़ेगा। सूत्रों की मानें तो विभागीय अधिकारियों की साठगांठ से यह धंधा चल रहा है। ऐसे में गुटखे कारोबारी तो मालामाल हो रहे हैं पर सरकार और लोगों को चपत लग रही है।