आजमगढ फरिहा कोरोना मुझ तक कभी नहीं पहुंच पाएगा क्योंकि मैं तो घर में हूं पुलिस की लाख कोशिश के बाद भी कुछ लोग दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं लगता है बीमारी से पहले भुखमरी से ही मर जाएंगे रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग होने वाली सामानों की जरूरत पूरी करने में लोग कोरोना जैसी घातक बीमारी का खौफ भूल जा रहे हैं किराने की दुकान पर लोगों को भीड़ में देखा जा सकता है सब्जी की दुकान पर भी भीड़ देखी जा सकती है जहां शासन-प्रशासन पूरा प्रयास कर रहा है कि कम से कम से कम एक मीटर की दूरी एक दूसरे से बनी रहे बावजूद इसके लोग एक दूसरे से सट के सामान खरीदने से बाज नहीं आ रहे हैं फरिहा चौक पर आज सुबह से काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक पर भी यह भीड़ देखने को मिली लोग नीचे से ऊपर तक सीढ़ी पर एक दूसरे से सटके खड़े थे बैंक में लाइन लगे लोगों का कहना है कि दो हजार से ज्यादा नहीं मिल रहा है, इस महामारी की मार तो सभी लोग झेल रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा परेशान उन्हीं लोगो को हो रही हैं जो रोज कमाते थे रोज खाते थे सभी लोगों से आग्रह है कि ज्यादा से ज्यादा घर में रहे एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें घर पर जो समान है उसी में उसी से काम चलाने का प्रयास करें अपने बगल में भी ध्यान दें कि बगल वाला भूखा न रहने पाए,यह हमेशा ध्यान में रहे कि बाजार से सामान के साथ मौत ना घर पर आ जाए क्योंकि जान है तो जहान है
पुलिस की लाख कोशिश के बाद भी कुछ लोग दूरी का पालन नहीं कर रहे
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