आजमगढ़ कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए सरकार और प्रशासन के लॉक डाउन की घोषणा पर नागरिक खुद के बचाव के लिए अपने अपने घरों में कैद हैं।इस दिशा में जिलाधिकारी महोदय आज़मगढ़ की तत्परता,कार्यकुशलता और प्रशासनिक निर्णय की सराहना पूरे जिले में हो रही है।जनपद में उप्र प्रदेश के बाहर से आये लोगों को चिन्हित कर उन्हें 14 दिन तक घर मे एकांतवास रहने की जिम्मेदारी तहसील व ब्लॉक स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों को सौंपी गई है।
निज़ामाबाद क्षेत्र के परसहा गांव निवासी सामाजिक,राजनैतिक कार्यकर्ता जितेंद्र हरि पांडेय एडवोकेट का पुत्र प्रभात महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय,वर्धा का छात्र विश्वविद्यालय बंद होने के कारण 20 मार्च की शाम घर आया।तब से वह घर पर क्वारन्टीन का पालन परिवार के जागरूक सदस्यों के साथ कर रहा है और स्वस्थ भी है।
27 मार्च की शाम ग्राम प्रधान के द्वारा प्रभात के नाम कोरोना वायरस की रोकथाम की नोटिस प्राप्त हुई।नोटिस के नीचे प्रेषक का नाम,पद, तिथि कहीं अंकित न होने पर जब प्रधान से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि लेखपाल सुबाष भारद्वाज से नोटिस मिली है।अधिवक्ता ने लेखपाल सुबाष को फोन कर पूछा तो उन्होंने बताया कि हल्का लेखपाल रीता गौतम के मौजूद न होने के कारण राजस्व निरीक्षक जयप्रकाश जी ने यह जिम्मेदारी मुझे दिया जबकि लेखपाल सुबाष का कथन है कि उन्होंने कहा कि मैं निलंबित चल रहा हूँ।उसके बाद भी राजस्व निरीक्षक ने कहा कि बस प्रधान तक पहुँचा दीजिये।ज्ञातव्य हो कि परसहा गांव की सघन आबादी लगभग 5 हजार है और इस बीच लगभग दर्जन भर लोग दूसरे प्रदेशों से घर आये हैं जिनमे प्रभात सहित कुल 8 लोगों को नोटिस तो दी गई पर अब तक कोई तहसील कर्मी,ब्लॉक ,स्वास्थ्य कर्मी किसी से सीधे संपर्क नही किया है।
जितेंद्र हरि पांडेय 9450995114
6392246871 ने बहुत दुखित मन से कहा है कि ऐसी घातक महामारी से मुक्ति पाने हेतु जिलाधिकारी महोदय से लेकर आलाधिकारी पूरी संवेदनशीलता के साथ जनपद के लोगों के स्वास्थ्य,सुरक्षा, खानपान तक के इंतजाम में लगे हैं वहीं दूसरी तरफ कर्मचारियों द्वारा नोटिस की औपचारिकता पूरी करा देना एक बड़ी लापरवाही है।हम जिला प्रशासन से मांग करते हैं प्रशासनिक आदेशो,निर्देशों का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर कितना हो रहा इसे सुनिश्चित किया जाय और शहर से लेकर गांव तक दैनिक खान पान की आपूर्ति,गरीबों को सरकार द्वारा दी जा रही राहत राशि अविलंब उनतक पहुचाई जाय जिससे गरीबों की परेशानियां कम हो सके।