पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा ग़रीब और वांछितो की लड़ाई के लिए सपा -बसपा साथ लड़े लोकसभा चुनाव

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पूर्वांचल के राजभर मतदाताओं के बीच प्रभाव रखने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) ने सपा पर एक बार फिर निशाना साधा है. ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि बसपा की तरह सपा (Samajwadi Party) भी जनता के साथ छल कर रही है. अगर छल नहीं कर रही हैं और खुद को वंचित समाज की पार्टी कहती हैं तो साथ आना चाहिए और अगला लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) मिलकर लड़ना चाहिए. अगर ऐसा नहीं कर सकतीं तो इन दोनों पार्टियों को आगे आकर कहना चाहिए कि वे समाज के वंचित वर्ग की लड़ाई नहीं लड़ सकतीं. बता दें कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी सपा का सहयोगी दल है. सपा और बसपा ने वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था. हालांकि, बाद में दोनों की राहें जुदा हो गई थीं. ओमप्रकाश राजभर ने कहा, “आखिर सपा और बसपा गरीबों और वंचितों की शुभचिंतक होने की बात कहकर उनके साथ छल क्यों कर रही हैं. मेरा मानना है कि अगर दोनों पार्टियां गरीबों की ही लड़ाई लड़ रही हैं तो फिर वे अलग-अलग चुनाव क्यों लड़ रही हैं?”ओमप्रकाश राजभर ने कहा, “सपा और बसपा की आपसी लड़ाई की वजह से गरीबों और वंचित वर्ग के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें साथ मिलकर अगला लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए. यह मेरी तरफ से उनके लिए एक सलाह है.” 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन कर छह सीटें जीतने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ने यह बयान पिछले दिनों सपा के गढ़ माने जाने वाले रामपुर और आजमगढ़ में हुए लोकसभा उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद दिया है. खासकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की छोड़ी हुई आजमगढ़ सीट पर बसपा ने शानदार प्रदर्शन किया था. माना जा रहा है कि इसकी वजह से सपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा. यह भी माना जा रहा है कि सपा नेता आजम खां की छोड़ी हुई रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में बसपा ने जानबूझकर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा, ताकि भाजपा को दलित वोट मिलने में आसानी हो.

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