मोस्ट कल्याण संस्थान ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया

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एससी/एसटी की भूमि अधिग्रहण के लिए कलेक्टर की पूर्व स्वीकृत जारी रखने की माँग**

सुलतानपुर/ दिनाँक 27-03-2023 को मोस्ट कल्याण संस्थान के नेतृत्व में संस्थान के जिला सह संयोजक दशरथ गौतम के अगुवाई में जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया गया। बरसों से दासता का दंश झेल रही अनु. जातियों/अनु. जनजातियों को संवैधानिक मंशा के अनुरूप सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक पिछड़ेपन को दूर करने व शोषण-अत्याचार से सुरक्षा प्रदान करने के लिए समय-समय पर आवश्यक संवैधानिक व विधिक संरक्षण प्रदान किया जाता रहा है। उसी अनुक्रम में शोषकों और दबंगों से अनु. जातियों/अनु. जनजातियों की भूमि को संरक्षण प्रदान करने के लिए उक्त वर्ग की भूमि का विक्रय उ.प्र.जमींदारी विनाश व भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950″ की धारा 157 में एससी/एसटी भूमि को संरक्षण प्रदान किया गया है।
उल्लेखनीय है कि उक्त अधिनियम के अन्तर्गत कलेक्टर की पूर्व अनुमति के बिना अनु.जाति/अनु.जनजाति की भूमि को कोई अन्य वर्ग नही खरीद सकता है। किंतु उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार ने “उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति 2023” के द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की अल्प मात्र जमीन भी अधिग्रहण/खरीदने के लिए कलेक्टर की पूर्व अनुमति की आवश्यकता को समाप्त करने के लिए 16 मार्च 2023 को इस नीति को कैबिनेट में पेश किया है।
नई उ.प्र. टाउन शिप 2023 नीति के लागू होने से उक्त वर्गों पर शोषण अत्याचार और बढ़ेगा। दबंग/भूमाफिया इनकी जमीनों को जबरन कब्जा करने के लिए टाऊनशिप नीति का दुरूपयोग करेंगे। जिससे उनकी अल्प मात्र की भूमि भी चली जाएगी और उनका जीवन बद से बदतर हो जाएगा इसलिए
मोस्ट कल्याण संस्थान ने राष्ट्रपति से माँग करता है। कि एससी/एसटी के सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक सशक्तिकरण व उक्त वर्गों की भूमि को शोषकों/दबंगों से सुरक्षा बनाये रखने हेतु “उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023” के द्वारा एससी/एसटी की जमीन लेने के लिए कलेक्टर से पूर्व अनुमति की बाध्यता को बरकरार रखा जाय।
उक्त अवसर पर मोस्ट कल्याण संस्थान डायरेक्टर शिक्षक श्यामलाल निषाद गुरुजी, जनरल सेक्रेटरी राम उजागिर यादव, मोस्ट जिला सह संयोजक राकेश कुमार निषाद, एड. विनोद गौतम, मैतूलाल निषाद आदि लोग उपस्थित रहे।

के मास न्यूज ब्यूरो सुल्तानपुर

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