तरवा आजमगढ़। पल्हना विकासखंड के अंतर्गत कई जगह रात में हुई चक्रवाती तूफान और बर्फबारी से किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई है जिसमें गेहूं ,सरसों ,चना, मटर की फसल नष्ट हो चुकी है। किसानों ने बताया कि जहां इतनी महंगाई में इतनी लागत लगाकर किसी प्रकार से खेती बाड़ी का काम किया जा रहा है वहीं इस प्रकार से अनिश्चितकालीन मौसम के कारण हम लोग का फसल नष्ट हो जा रहा है।आपको बता दें कि आज रात 3:00 बजे के आसपास चक्रवाती तूफान के साथ-साथ भारी बर्फबारी हुई जिसमें कई ग्राम प्रभावित हुए उसमें शिहुका ,महुआपार,अवनी, पकड़ी ,रसूलपुर , ग्राम सभा में बर्फबारी का असर ज्यादा रहा है जिससे फसल बिल्कुल बर्बाद हो चुका है और किसान खून के आंसू रो रहे हैं।इस प्रकरण पर जब तहसीलदार लालगंज से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सभी लेखपाल को आदेशित कर दिया गया है वह सर्वे करके रिपोर्ट लगाएंगे। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस भरपाई को कैसे पूरा किया जाता है जबकि सच यह है कि इस महंगाई में किसानों के ऊपर यह अनिश्चित कालीन मौसम कहर बनकर टूटा है। किसानों ने यह भी बताया कि एक ओर जहां फसलों को आवारा एम छुट्टा पशुओं द्वारा नुकसान किया जा रहा है बचा जो भी था वह इस बर्फबारी ने सब खत्म कर दिया और इस तरीके से 1 साल आजीविका चलेगा इस पर उनकी आंखें डबडबाई हुई दिखाई दी। अगर देखा जाए तो वास्तव में मौसम की मार पड़ी है किसानों के ऊपर मौसम बिल्कुल अनियमित हो चल चुका है इस समय चक्रवाती तूफान और बर्फबारी ऐसा पहले कभी भी देखने में नहीं आया लेकिन इस मार्च महीने में ठंडी गर्मी और बरसात तीनों मौसम एक साथ देखने को मिल रहा है इससे कहीं न कहीं यह कहा जा सकता है कि प्रकृति के साथ जो खिलवाड़ किया जा रहा है हो न हो वह उसका ही परिणाम है।