जमीनी विवाद को लेकर हुई मारपीट में महिला की हालत गंभीर , नहीं मिली प्रशासन से कोई मदद : – रीता

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शाहगंज/ जौनपुर :- थाना सराय ख्वाजा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम खजुरा में जमीनी विवाद को लेकर मामला इस कदर बढ़ा कि दो पक्षों में हुई मारपीट में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई तथा परिवार में ननंद व बच्ची को भी विपक्षियों ने घसीट घसीट कर मारा आपको बता दें कि थाना सराय ख्वाजा अंतर्गत खजुरा गांव निवासी रीता देवी का कहना है कि विगत 24 अप्रैल को शाम 7:00 बजे वह अपने घर में खाना बना रही थी की पड़ोस के अनिल, अरविंद पुत्रगण सुखराम,सिधारी पुत्र रामफल,मुरली पुत्र हरिलाल,राहुल पुत्र मुरली आदि लोग घर के पास भद्दी भद्दी गालियां दे रहे थे जिसको लेकर रीता ने मना किया तो बात बढ़ गई जिसमें विपक्षियों ने पास पड़े ईट पत्थर और बास से मारना शुरू कर दिया शोर सुनकर जब रीता परिवार काफी दूर रहते हैं,लोगों के पहुंचने से पहले ही विपक्षियों ने लाठी-डंडे से घर पर चढ़कर मारा पीटा तथा घर का सारा सामान लूट लिया साथ ही ननंद रोशनी व रूपा देवरानी को घसीटते हुए बुरी तरह से लात घुसा से मारा और उसे अपने घर के अंदर उठा ले गए उसके साथ बदसूलूटी किए तथा बुरी तरह घायल कर दिए तथा घर से साइकल बर्तन और यहां तक की मुर्गी भी उठा ले गए l रसोइयों के सारे बर्तन तक भी उठा ले गए गांव के कुछ लोगों ने मिलकर बीच बचाव किया रीता बुरी तरीके घायल हो गई और बेहोशी हालत में रीता व उनकी ननद और देवरानी को उठा कर थाने ले गए थाने पर रीता के परिवार वालों को पुलिस ने बहाना बनाते हुए कहा कि चले जाओ इलाज कराओ लेकिन सदर हॉस्पिटल पहुंचने पर हॉस्पिटल के लोगों ने पुलिस केस को देखकर वापस कर दिया पुनः थाने पर आए इधर घायल महिला कराहती रही तो पुलिस ने मेडिकल का हवाला देते हुए करंजकला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा लेकिन हालत गंभीर होने के कारण स्वास्थ्य केंद्र जौनपुर सदर के लिए रेफर कर दिया वहां पर रिता 4 दिन तक भर्ती रही जिन का इलाज इलाज कराया गया लेकिन अंदरूनी चोट और शरीर का दर्द अभी तक नहीं गया वहीं पर वहां से लौटने पर रीता देवी थाने पर पहुंची तो थाने के लोगों ने मारपीट में धारा 323 के अंतर्गत एनसीआर दर्ज करके अपना हाथ साफ कर लिया जबकि दबंग ब्यक्ति अभी बराबर रीता को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं और यह सिर्फ एक बार नहीं इसके पहले भी दसों बार रीता को मारा पीटा गया पुलिस बहाने पर बहाने बनाती है रीता का कहना है कि पुलिस दलाली के चक्कर में पड़कर उसकी कोई सुनवाई नहीं करती पुलिस की लापरवाही के कारण रीता के साथ नाइंसाफी हो रहा है बिपछीगणों का पुलिस के मिलीभगत के कारण वह जबरदस्ती उसकी जमीन को कब्जा करना चाहते हैं और जान से मारने पर आमादा है विरोधियों के गुंडागर्दी इतना चरम सीमा पर है कि कोई भी उनके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं है यहां तक कि जो उनके खिलाफ आवाज उठाता है तो पुलिस की मिलीभगत के कारण उसका भी मुंह बंद करा दिया जाता है इससे पहले कई बार रीता ने पुलिस प्रशासन को गुहार लगाया लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ विरोधी धमकी देते जा रहे हैं शासन प्रशासन ऐसे ही चुप रहा तो 1 दिन हत्या होना निश्चित है यह सब पुलिस की मिलीभगत के कारण संभव है इसके जिम्मेदार थाना की पुलिस वह हल्का पुलिस की होगी। जो घटना की सच्चाई को जानते हुए सारी बातों को नजरअंदाज कर रहे हैं।

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