गरीब होने का भुगताना पड़ा हर्जाना

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आजमगढ/ निजामाबाद :- थाना प्रभारी उच्चाधिकारियों के नजर में बने रहने और सस्ती लोकप्रियता पाने के चक्कर में दो वक्त की रोटी कमाने खाने वाले नेवादा मुसहर बस्ती के रामबली टिल्ठू शिवकुमार भुवाल कैलाश को पकड़ कर थाने ले जाकर मारने पीटने और जबरदस्ती बच्चे चोरी होने की अफवाह फैलाने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जेल भेजने का मामला प्रकाश में आया है जानकारी के मुताबिक नेवादा गांव के बाहर जंगली इलाके में 10 से 12 घर मुसहर जाति के लोग मंडई और टीन करकट डालकर जीवन व्यतीत करते हैं सोमवार की रात्रि को जगह-जगह बच्चे की चोरी होने की घटना सुनाई देने के कारण लोग अपने घरों में दुबके हुए पड़े थे गांव का ही कोई संभ्रांत व्यक्ति प्रभारी निरीक्षक के प्रति हमदर्दी दिखाते हुए यह सूचना दिया कि गांव के शहर बच्चे चोरी की घटना को फैला रहे हैं इस पर रात 12:00 बजे प्रभारी निरीक्षक गांव में पहुंचकर तांडव मचाते हैं मारने पीटने के बाद चार पांच लोगों को जबरदस्ती घसीटते हुए थाने ले जाकर मारते पीटते हैं और पुनः बच्चा चोरी होने के मामले में मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेज देते हैं प्रभारी निरीक्षक के कार्य क्षेत्र के लोग काफी भयभीत नजर आ रहे हैं लोगों द्वारा यह भी सुनने कब है में आ रहा है कि किसी के द्वारा हमदर्दी दिखाए जाने का यह नतीजा नहीं है कि दो वक्त रोटी कमाने खाने वाले लोगों को नाजायज तरीके से परेशान किया जाए जबकि फरिहा चौक सहित आसपास के कई गांव में मारने पीटने तक की सूचना मिली तब तो प्रभारी निरीक्षक कोई कार्यवाही नहीं किए क्या मुसहर आदिवासी यही लोग प्रताड़ित करने के लिए और सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए प्रभारी निरीक्षक निजामाबाद दिनेश कुमार सिंह को मुसहर आदिवासी ही मिले हैं नेवादा गांव के प्रधान सनातन पटेल से बात करने पर उन्होंने बताया कि बच्चे चोरी की अफवाह फैलाने या मारपीट करने की कोई बात तू शहर बस्ती में नहीं थी लेकिन प्रभारी निरीक्षक अधिकारियों के निगाह में सर्वश्रेष्ट बनने के चक्कर में पीड़ित परिवारों को जबरदस्ती प्रताड़ित करके आरोप सिद्ध करवाया गया है प्रभारी निरीक्षक के इस कार्य से कई क्षेत्रीय संगठनों में काफी आक्रोश व्याप्त है |

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