विद्यालय के रसोइए का नया खुलासा (वीडियो)स्कूली बच्चों को नमक रोटी दिए जाने के मामले में

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**रसोइए ने कहा कि पहले भी कई बार ऐसी घटना हुई है

मिर्जापुर:- जिला मिर्जापुर के जमालपुर क्षेत्र स्थित प्राथमिक विद्यालय शिउर का मामला दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। बता दें कि पिछले दिनों एक स्थानीय पत्रकार द्वारा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। जिसमें विद्यालय के बच्चे नमक और रोटी खा रहे थे। जिसके बाद मामला काफी हाईप्रोफाइल हो गया और तूल पकड़ लिया । उक्त मामले में कार्रवाई करते हुए कई लोगों को निलंबित किया गया। इसी बीच मामला थोड़ा ठंडा होने के बाद जिलाधिकारी ने बयान जारी करते हुए कहा कि जिस पत्रकार ने वीडियो बनाया था। उसके ऊपर कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोप लगाया गया । साथ ही जिलाधिकारी मिर्जापुर का मिथ्या पूर्ण बयान था कि प्रिंट मीडिया का पत्रकार वीडियो कैसे बना लिया। जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनके ऊपर जमकर पीटा कसी हुई। उधर दूसरी तरफ बुधवार को विद्यालय के एक महिला रसोइए ने आरोप लगाया कि यह पहली घटना नहीं है इसके पहले भी कई बार इस प्रकार की घटनाएं विद्यालय पर हुई हैं क्योंकि यहां के अध्यापक एवं प्रधानाचार्य काफी लापरवाही बरतते हैं, भोजन हो या फल दूध इत्यादि में। जिसके बाद मामला और बढ़ता नजर आ रहा है। पत्रकार के ऊपर मुकदमा के बाद पूरे प्रदेश में पत्रकार प्रशासन के ऊपर हमलावर हो गए हैं। बुधवार को सौ की संख्या में पत्रकारों ने मिर्जापुर में ज्ञापन सौंपा, साथ ही अन्य जिलों के पत्रकार भी पत्रकार के साथ खड़े हो चुके हैं। मिड डे मील बनाने वाली रसोइया रुक्मिणी देवी के बयान से जिला प्रशासन की किरकिरी हो गयी है। बुधवार को रसोइया का वीडियो वायरल हुआ। इसमें उसने स्वीकार किया है कि पहले भी बच्चों को नमक-रोटी अौर नमक-चावल खाने के लिए दिया गया था। रसोइया ने यह भी कहा कि पत्रकार की तो कोई गलती ही नहीं है। जब कुछ पकाने को नहीं रहेगा तो क्या बनाएंगे? अगर नमक-रोटी देना गलत है तो यहां के शिक्षकों को देखना चाहिए। उसने बताया कि 22 अगस्त को दस बजे तक कुछ पकाने को नहीं दिया गया था। हमने खुद बच्चों को नमक-रोटी परोसी थी। मुरारी सर भी मौजूद थे लेकिन उन्होंने नहीं रोका। इसमें मुरारी सर की गलती है। जब पकाने के लिए कुछ देगे, तब हम बनाएंगे। जब नहीं देगे तो कहां से पकाएंगे ? कई बार बच्चों को नमक-रोटी तो कई बार चावल-नमक खाने को दिया जाता था। बच्चों को दूध और खीर के लिए जो कुछ मिलता है, सब में कोताही बरतते हैं। रसोइया के बयान के बाद डीएम की पत्रकार पर कार्रवाई पर प्रश्नचिह्न लग गया है। वही डीएम अनुराग पटेल के निर्देश पर प्रभारी बीएसए/ सीडीओ प्रियंका निरंजन ने डीसी एमडीएम की संविदा समाप्त कर दी गयी। बीएसए कार्यालय में तैनात चंद्रशेखर आजाद को कार्यवाहक डीसी एमडीएम का चार्ज दिया गया है। इस मामले में बीएसए, बीईओ, एनपीआरसी एवं शिक्षिका समेत पांच लोगों के खिलाफ अब तक कार्रवाई हो चुकी है।