कृषि विधेयक (Farms Bill 2020) को लेकर संसद से सड़क तक संग्राम मचा हुआ है. राज्यसभा में कृषि विधेयक के पास होने के बाद अब कांग्रेस (Congresss) ने राष्ट्रव्यापी जनआंदोलन का ऐलान किया है. उधर, इन सबके बीच सरकार ने रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP में 50 से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक की वृद्धि कर दी है. कांग्रेस ने कहा कि कृषि विधेयक के खिलाफ आंदोलन के दौरान विरोध मार्च, धरना-प्रदर्शन के साथ-साथ इसके खिलाफ किसानों और गरीब लोगों के दो करोड़ हस्ताक्षर जुटाना शामिल है. इसके बाद राष्ट्रपति (President) को एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा. बता दें कि देशव्यापी विरोध का फैसला कांग्रेस महासचिवों और राज्य प्रभारियों की बैठक में किया गया है. बता दें कि कांग्रेस के इस जनआंदोलन को कई विपक्षी पार्टियों का समर्थन है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कृषि विधेयकों के खिलाफ देशभर में प्रेसवार्ता भी आयोजित की जाएगी. उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता अपने-अपने राज्यों में रैली निकालेंगे और संबंधित राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपेंगे.
इससे पहले सोमवार को 18 विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा कि जिस तरह से विवादास्पद कृषि बिलों को पारित किया गया था यह ‘लोकतंत्र की हत्या’ है. नेताओं ने राष्ट्रपति से प्रस्तावित बिलों के प्रति अपनी सहमति नहीं देने का आग्रह किया. विरोध के दौरान, कांग्रेस, सीपीआई (एम), शिवसेना, जेडीएस, टीएमसी, सीपीआई और समाजवादी पार्टी जैसे विभिन्न दलों के सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया.
इससे पहले रविवार को कृषि बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में हंगामा करने के आरोप में टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह समेत विपक्षी दलों के 8 सांसदों को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने एक हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिया.