5 फरवरी को संत शिरोमणि रविदास जी का मोतीपुर व दयालपुर में भव्य रूप से मनाया गया जन्मोत्सव

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मोहम्मदपुर /दयालपुर 5 फरवरी संत शिरोमणि रविदास जी के जन्मोत्सव की खुशी में जगह-जगह लोग झांकियां निकाल रहे हैं आज दयालपुर व मोतीपुर में भी भव्य तरीके से गुरु रविदास जी का जन्मोत्सव मनाया गया जिसमें सभी ग्राम वासियों ने भी संत गुरु रविदास जी के मंदिर के प्रांगण में बढ़-चढ़कर अपने कर्तव्य का निर्वाह किया बताया जाता है कि संत रविदास जी एक ऐसे व्यक्ति से जो समाज के लिए व समाज को जगाने के लिए समाज सुधारक के रूप में जाने जाते थे अपने आप में वे विद्यमान थे उनकी कुछ दोहे व कविताएं भी हैं जो इस प्रकार है

जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात।
रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।।

करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस !
कर्म मानुष का धर्म है, सत् भाखै रविदास।।

कृस्न, करीम, राम, हरि, राघव, जब लग एक न पेखा।
वेद कतेब कुरान, पुरानन, सहज एक नहिं देखा।।

संत गुरु रविदास जी के पावन जन्मोत्सव पर मोतीपुर व दयालपुर के मंदिर के प्रांगण में सर्व सम्मानित लोग जैसे शिवप्रसाद पंचम जी नीन्हक जी, सुनील, नागेंद्र सरवन, अजीत (पप्पू), भिरगू,गोपाल मास्टर, रामदुलारे मास्टर, प्रमोद राव, तड़कनाथ, संदीप, मद्रासी, क्षेत्र पंचायत सदस्य शिव शंकर यादव एवं समस्त ग्राम वासी उपस्थित रहे

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