बसपा स्पीकर सुखदेव राजभर की शव यात्रा में बसपा सुप्रीमो के ने पहुंचने से बसपा से नाराज राजभर समाज

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बहुजन समाज पार्टी के मा.सुखदेव राजभर कद्दावर नेता रहे हैं। अपनी लोकप्रियता की वजह से ही वे स्पीकर तक बने। एम.बी.राजभर ने कहा कि मुझे यह बात समझ में नहीं आ रही है कि एक वर्ष से भी अधिक समय से वे अस्वस्थ्य चल रहे थे फिर भी बीएसपी की सुप्रिमों मायावती जी कभी उन्हें देखने तक नहीं गयी। न ही अस्पताल में उनकी हाल-चाल ही लेने गयी। ता. 18-10-2021 को मा. स्पीकर साहब का निधन हो गया फिर भी बहन जी उनके अंतिम दर्शन के लिए भी नहीं गयी और न ही शोक संतप्त परिवार को सान्त्वना ही देने गयी।

साथियो, जो सदैव के लिए चला जाता है वह दुबारा नहीं आता है, पर बहन जी का इस प्रकरण पर व्यवहार अमानवीय व भर्सना योग्य है। जिस पार्टी की वे आज अध्यक्षा हैं उस बीएसपी को सजाने-सँवारने में मा. स्पीकर साहब व मा. राम अचल राजभर जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। फिर भी उन लोगों के साथ धोर अमानवीय व्यवहार समझ से परे है। एक आम आदमी इस क्रूरतम व्यवहार को देखकर यह समझ सकता है कि बीएसपी इस समय किसके हाथ चली गयी है।

बीएसपी में राजभर समाज के दो कद्दावर नेता थे। मा.राम अचल राजभर और विधानसभा स्पीकर मा.सुखदेव राजभर।मा.राम अचल राजभर को बहन जी ने पार्टी से निकाल दिया और अपनी सफाई में उन्हें कुछ कहने का अवसर भी नहीं दिया। मा. स्पीकर साहब के साथ भी कोई मानवीय संवेदना दिखाने का परिचय ही नहीं दिया. ऐसी पार्टी व उसकी अध्यक्षा को समझा जा सकता है। यह उक्त दोनों महान विभूतियों का अपमान नहीं है बल्कि पूरे गौरवशाली राजभरों का अपमान है। सम्मानित समाज कभी अपमान बर्दास्त नहीं करता है, न करना चाहिए। बहन जी के द्वारा इस अपमान का बदला हम सबको लोकतान्त्रिक तरीके से लेना है।

केमास न्यूज़ सुल्तानपुर (सूत्र)

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