संचालित ट्रस्ट के संचालक ने बेच दिया अपने ही परिवार के लोगों को ट्रस्ट कि जमीने

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जनपद म ऊ/मधुवन जनता शिक्षा निकेतन दुबारी नाम से संचालित ट्रस्ट के संचालक ने संस्था की जमीन बेचा अपने बहुओं के नाम संस्था के सदस्यों ने लगाया गम्भीर आरोप

मधुबन तहसील क्षेत्र के ग्राम दुबारी में जनता शिक्षा निकेतन दुबारी के नाम से एक ट्रस्ट संचालित होता है। वहीं जनता शिक्षा निकेतन इन्टर कालेज भी चलता है। जो सोसाइटी से सम्भवतः रजिस्टर है।

  1. ट्रस्ट के संचालक मंडल में शामिल पांचों सदस्यों ने मुख्य ट्रस्टी के द्वारा किए जा रहे मनमानी कार्वाई पर नाराजगी जाहिर किया है।आज मीडिया कर्मी को जो सूचना दिए काफी चौंकाने वाला है। बताया गया है कि जनता शिक्षा निकेतन इन्टर कालेज के प्रबन्धक ही ट्रस्ट के संचालक भी है। बताया गया है की ट्रस्ट के नाम आराजी नंबर 3782 है जो दुबारी सड़क से लगी हुई है। जिसकी कीमत लाखों में है। ट्रस्ट संचालक द्वारा अपनी बहुओं के नाम सड़क के किनारे की कीमती जमीन बैनामा कर दिया गया। जिसका नामांतरण भी गैरकानूनी ढंग से करा लिया गया!सवाल उठ रहा है कि क्या कोई ट्रस्ट संचालक अपने ही परिवार को ट्रस्ट की जमीन का बैनामा कर सकता है क्या?——-?

अगर नहीं कर सकता है तो इस ट्रस्ट के संचालक को यह अधिकार कहा से मिला! क्या अदालत से परमिशन है क्या?

नहीं है तो इस कार्रवाई का संचालक मंडल के लोगों ने बिरोध क्यों नहीं किया!—–

खबर के मुताबिक काफ़ी कीमती जमीन को संचालक ने अपने परिवार में औने पौने दाम पर बेच दिया।आखिर इसके लिए केवल संचालक दोषी है या संचालक मंडल!—-

सूत्र बताते हैं कि संचालक मंडल में डा अभय सिंह ,कन्हैया सिंह,जगदीश सिंह’- सुशील पान्डेय तथा मुख्य संचालक प्रमोद पान्डेय है।

सूत्र दावा कर रहे हैं कि मुख्य रोड की कीमती जमीन में से 170कडी जमीन विनिता मिश्रा पत्नी मनोज कुमार व अल्का पान्डेय पत्नी मनीष कुमार के नाम बय किया गया है दोनों बहुएं मुख्य संचालक महोदय की है

सवाल दर सवाल बात आगे बढ़ रहा है क्या मुख्य संचालक अपनी बहुओं को संस्था की जमीन बेच सकते है ?

दुसरा सवाल रघुराई सेवा संस्थान नामक ट्रस्ट का आया जिसमें बताया गया है की इस संस्था ने जनता शिक्षा निकेतन इन्टर कालेज के नाम पर डेढ़ लाख रुपया दान किया लेकिन उस पैसा का कहीं देखा जोखा नहीं मिलता है।——-

मामला जो भी आज तक इस बिद्यालय का कभी आडिट नहीं हुआ सारा कारोबार हवा हवाई है! भ्रष्टाचार तेजी से पनप रहा है लेकिन सरेयाम संस्था का चीरहरण होते देखकर भी सारे बहादुर संचालक मंडल के योद्धा तथा बिद्यालय कमेटी चुप है! जो आने वाले कल के महाभारत का अन्देशा पैदा कर रहा है।आज नहीं तो कल यह मामला तूल पकड़ेगा जब बात निकली है तो दूर तलक जायेगी।,

विशेष सूत्रों के हवाले से ,

के मास न्यूज सब ब्यूरो म ऊ धर्मेन्द्र कुमार की रिपोर्ट

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